MP News: ग्वालियर-मुरैना और गुना में प्रत्याशी तय नहीं कर पा रही कांग्रेस, जानिए क्या है वजह
ग्वालियर: लोकसभा चुनाव को लेकर मध्य प्रदेश में बीजेपी ने सभी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने के बाद चुनाव प्रसार शुरू कर दिया है, लेकिन कांग्रेस की पांच उम्मीदवारों की लिस्ट आने के बाद भी ग्वालियर चंबल अंचल की तीन सीटों पर वह अपना उम्मीदवार तय नहीं कर पा रही है. अंचल की ग्वालियर, मुरैना और गुना लोकसभा सीट है जहां पर अभी कांग्रेस ने कोई उम्मीदवार नहीं उतरा है और इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं. ग्वालियर चंबल अंचल की ग्वालियर लोकसभा सीट और मुरैना लोकसभा सीट पर कांग्रेस लगातार मंथन कर रही है, लेकिन इसके बाद भी उम्मीदवार फाइनल नहीं हो पा रहा है. इसका कारण जातिगत समीकरण बिगड़ना और इन दोनों लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार संभावित उम्मीदवारों की बीच में आपसी समंजस न बनना सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है. वही गुना लोकसभा सीट के लिए सबसे प्रबल दावेदार कांग्रेस नेता अरुण यादव माने जा रहे है लेकिन नाम सामने आने के बाद खुद पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन बाहरी प्रत्याशी के नाम पर विरोध कर रहे हैं.
अधिक उम्मीदवारों से पार्टी को गुटबाजी का डर
ग्वालियर सीट के लिए वैसे तो दावेदारों की लंबी लिस्ट है. पूर्व सांसद रामसेवक सिंह बाबूजी और पूर्व विधायक प्रवीण पाठक, पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव और विधायक डॉ सतीश सिकरवार और पूर्व सत्यपाल सिंह सिकरवार है, लेकिन संभावित उम्मीदवार के नाम पर पार्टी अभी फाइनल नाम तय नहीं कर पा रही है. इसका सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है कि उम्मीदवारों की लिस्ट अधिक होने के कारण पार्टी को गुटबाजी का डर है. दूसरा सबसे बड़ा कारण ग्वालियर ग्रामीण से दो बार विधायक और शिवराज सिंह के मंत्रिमंडल में शामिल रहे है लेकिन 2022 के चुनाव में वे पराजित हो गए। इसके बावजूद भाजपा ने उन्हें लोकसभा का टिकट दे दिया। इससे कांग्रेस का ओबीसी गणित गड़बड़ा गया है.
मुरैना लोकसभा सीट पर जीत की उम्मीद
अब बात मुरैना लोकसभा की करते है यहां भी कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट लंबी है. सबसे पहला नाम बीजेपी से निष्कासित चल रहे पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार का है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस अपने उम्मीदवार के रूप में सत्यपाल सिंह सिकरवार उर्फ नीटू को मैदान में उतार सकती है. क्योंकि यह उम्मीदवार काफी मजबूत माना जा रहा है. इसके अलावा विधायक पंकज उपाध्याय कमी नाम सबसे आगे है. जातिगत समीकरण को साधने के लिए कांग्रेस पूर्व विधायक बैजनाथ सिंह कुशवाहा को भी मैदान में खड़ा कर सकती है. इसके अलावा ओबीसी के रूप में चंबल के सबसे बड़े व्यापारी रमेश गर्ग के नाम पर भी मोहर लगा सकती है. मुरैना लोकसभा सीट पर कांग्रेस इसलिए सबसे ज्यादा मंथन कर रही है क्योंकि उसे लग रहा है कि वह इस सीट को जीत सकती है और इसका कारण है कि भाजपा ने अबकी बार पूर्व विधायक से शिवमंगल सिंह तोमर को उतारा है. कांग्रेस यहां पर अपना उम्मीदवार तय नहीं कर पा रही है और इसके पीछे का कारण है कि कांग्रेस को यहां पर सबसे ज्यादा जीत की आस है इसलिए वह अपने उम्मीदवार के चयन में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती है इसके अलावा जातिगत समीकरण को साधने के लिए भी कांग्रेस लगातार मंथन कर रही है क्योंकि यहां पर चुनाव में जातिगत समीकरण सबसे ज्यादा हावी होता है.
कांग्रेस में नेताओं की कमी: पूर्व मंत्री भारत सिंह कुशवाहा
वही कांग्रेस ग्वालियर चंबल संभाग में उम्मीदवारों की लिस्ट जारी न करने के सवाल पर भाजपा के उम्मीदवार और पूर्व मंत्री भारत सिंह कुशवाहा का कहना है कि कांग्रेस में उम्मीदवारों का टोटा है नहीं उनके पास कोई नेता है और न हीं कोई कार्यकर्ता बचा है इसलिए वह उम्मीदवारों की तलाश में जुटी है तो वही कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अशोक सिंह का कहना है कि 2 दिन के अंदर ग्वालियर चंबल अंचल की उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने की बात कर रहे है.