MP News: मंत्री जी, चार रुपए में कैसे दूर होगा बच्चों का कुपोषण? सदन में निर्मला भूरिया के जवाब पर उठे सवाल
MP News (विवेक पांडेय): मध्य प्रदेश में कुपोषण को खत्म करने के लिए एक तरफ सरकार की ओर से बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं. दूसरी ओर विधानसभा सत्र के दौरान सदन में इसे लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. मध्य प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में पोहरी से कांग्रेस विधायक कैलाश कुशवाहा ने कुपोषण स्थिति को समाप्त करने और बच्चों के पौष्टिक आहार को लेकर सवाल किया. इस सवाल का जवाब देते हुए प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने बताया कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण भोजन के लिए चार रुपए का खर्च किया जा रहा है.
4 रुपए में कैसे दूर होगा कुपोषण
देश में महंगाई के दौर में जब 5 रुपए के बिस्किट से लोगों का सुबह का नाश्ता नहीं होता तब मध्य प्रदेश में 4 रुपए में कुपोषित बच्चों का कुपोषण दूर करने का दावा किया जा रहा है. यह दावा कोई और नहीं खुद प्रदेश सरकार की तरफ से किया जा रहा है. MP विधानसभा में कांग्रेस विधायक कैलाश कुशवाहा के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री निर्मला भूरिया ने यह दावा किया है.
सदन में पूछा सवाल
पोहरी से कांग्रेस विधायक कैलाश कुशवाहा ने कुपोषण को लेकर पांच सवाल पूछे. उन्होंने सवाल किया कि क्या क्या विभाग द्वारा जिला शिवपुरी में नवजात शिशुओं में गंभीर कुपोषण स्थिति को समाप्त करने औक कुपोषित नौनिहालों की समुचित देखभाल जांच/परीक्षण, पौष्टिक आहार इत्यादि अन्य कौन-कौन से कार्य केन्द्र/राज्यों में प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से किए जा रहे हैं? अगर हां, तो वर्षवार कितने कुपोषित बच्चे जिले व तहसीलवार पाए गए और विभाग द्वारा उन बच्चों की समुचित देखभाल हेतु उक्त वर्षों में किस-किस दिनांक से बच्चों को चिन्हित कर स्वास्थ्य लाभ हेतु क्या-क्या उपाय किए गए? साथ ही राज्य सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं एवं कुपोषित बच्चों से संबंधित कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं?
मंत्री निर्मला भूरिया ने दिया जवाब
इन सवालों के जवाब देते हुए महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने बताया कि अति कुपोषित बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल संवर्धन योजना चल रही है. इसके तहत ही राशि दी जा रही है. हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण भोजन के लिए चार रुपए का खर्च किया जा रहा है.
आगे के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री निर्मला भूरिया ने बताया कि हर महीने की 11 से 20 तारीख तक सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में शारीरिक माप दिवसों का आयोजन किया जाकर कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन किया जाता है.
5 लाख 41 हजार से अधिक बच्चे अधिक कुपोषित
उन्होंने बताया कि बताया कि 5 लाख 41 हजार से अधिक बच्चे अधिक कुपोषित है. कुपोषण के मामले में यह मध्य प्रदेश की समस्या नहीं, बल्कि विदेशों के में भी यही समस्या है. लेकिन मध्य प्रदेश की सरकार कुपोषण दूर करने का काम कर रही है.
34 हजार से अधिक आंगनबाड़ी किराए पर
महिला बाल विकास से जुड़े हुए एक और सवाल पर जवाब देते हुए मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा- मध्य प्रदेश में करीब 34000 से अधिक आंगनबाड़ी किराए पर चल रही हैं. इसके अलावा 4044 से अधिक जर्जर स्थिति में है. सरकारी स्कूल और अन्य भवनों में भी आंगनबाड़ी संचालित की जा रही है.
मंत्री जी के जवाब पर उठे सवाल
इन जवाबों पर कांग्रेस विधायक सेना पटेल का कहना है कि मंत्री ने यह नहीं बताया कि बच्चों को गुणवत्ताहीन भोजन दिया जा रहा है और मैन्यू के हिसाब से भोजन तो ही नहीं मिल रहा है. भला 4 रुपए में बच्चों का पेट कैसे भरेगा और बच्चे को पोषण से कैसे मुक्त होंगे यह बड़ा सवाल है.
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बताया गया मेन्यू
सदन में बताया गया कि बच्चों को सोमवार को मीठी लापसी नाश्ते में दी जाती है. दोपहर के भोजन में रोटी, सब्जी और दाल परोसी जाती है. मंगलवार को नाश्ते में पौष्टिक खिचड़ी और दोपहर के भोजन में खीर, पूड़ी, आलू मटर की सब्जी होती है. बुधवार को मीठी लापसी और भोजन में रोटी, सब्जी, दाल परोसी जाती है. गुरुवार को नमकीन दलिया नाश्ते में दी जाती है. इसके अलावा दोपहर के भोजन में वेज पुलाव और पकोड़े वाली कढ़ी होती है. शुक्रवार को नाश्ते में उपमा और लंच में रोटी, सब्जी, दाल परोसी जाती है. शनिवार को नाश्ते में मीठी लापसी और दोपहर के समय रोटी, सब्जी, दाल चावल और सांभर होता है.
आंगनबाड़ी में 62 लाख से अधिक बच्चे
अब सवाल यही है कि मध्य प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले 62 लाख से अधिक बच्चों को मेन्यू के हिसाब से पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है तो आखिर मध्य प्रदेश में कुपोषण का आंकड़ा घटने का नाम क्यों नहीं ले रहा है. क्योंकि मध्य प्रदेश में 5 लाख 41 हजार से बच्चे कुपोषित है.