MP News: नई आबकारी नीति, POS मशीन के बिना नहीं मिलेगी शराब, 1 अप्रैल से 19 पवित्र शहरों में होगी शराबबंदी

MP New Excise Policy: जिन शहरों में शराब की दुकानें बंद की जाएगी, उसकी भरपाई महंगी शराब से की जाएगी. इसका सीधा सा अर्थ है कि प्रदेश में शराब खरीदना महंगा हो जाएगा
MP News: Under the new excise policy, liquor will now be available only from POS machine

प्रतीकात्मक तस्वीर (AI Image)

MP New Excise Policy: मध्य प्रदेश सरकार में नई आबकारी नीति (New Excise Policy) 1 अप्रैल से लागू होगी. इसके लिए गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. इसमें कई सारे बदलाव किए गए हैं. अब POS (Point Of Sale) मशीनों से ही शराब मिलेगी. राज्य के 19 पवित्र शहरों में 1 अप्रैल से शराबबंदी लागू होगी. वहीं रेस्टोरेंट और बार में भी जगह बढ़ाने के लिए सरकार को अतिरिक्त शुल्क देना होगा.

POS मशीन के बिना नहीं मिलेगी शराब

मध्य प्रदेश में शराब बिक्री के लिए POS मशीन को जरूरी कर दिया गया है. ये इसलिए किया गया है क्योंकि इससे शराब की खरीदारी पर नजर बनाई जा सके. इससे सरकार को टैक्स चोरी पर नजर रखने में मदद मिलेगी. ये भी पता चल सकेगा कि किस दुकान से कितनी शराब की बिक्री हुई. सरकार ने ये कदम पारदर्शिता बढ़ाने के लिए किया है.

1 अप्रैल से प्रदेश के 19 पवित्र शहरों में शराबबंदी

कैबिनेट बैठक में ये फैसला लिया गया था कि प्रदेश के 19 पवित्र शहरों में शराबबंदी लागू होगी. इसे लेकर अब तारीख का ऐलान हो चुका है. अब 1 अप्रैल से इन सभी शहरों में शराबबंदी रहेगी. इन शहरों में उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, चित्रकूट, ओरछा, मैहर, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर,बरमान खुर्द, कुंडलपुर, अमरकंटक, सलकनपुर और बांदकपुर हैं. अलग-अलग शहरों में नगर निगम क्षेत्र, नगर पालिका क्षेत्र और नगर पंचायत क्षेत्र में दुकान बंद की जाएंगी.

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बंद दुकानों की भरपाई की जाएगी

जिन शहरों में शराब की दुकानें बंद की जाएगी, उसकी भरपाई महंगी शराब से की जाएगी. इसका सीधा सा अर्थ है कि प्रदेश में शराब खरीदना महंगा हो जाएगा. वहीं बंद दुकानों की एवज में दूसरी जगह दुकानें खोली जाएंगी.

ई-बैंक गारंटी की समय सीमा 2026 तक होगी

ई-बैंक गारंटी की समय सीमा 30 अप्रैल 2026 तक होगी. इसके लिए एफडी स्वीकार नहीं की जाएगी. पहले से जमा की गई एफडी का नवीनीकरण भी नहीं होगा. अब ई-बैंक गारंटी के जरिए ही शराब दुकानों का आवंटन किया जा सकेगा. यह बैंक गारंटी सिर्फ साइबर ट्रेजरी के माध्यम से जमा ई-चालान या स्वीकार्य बैंकों की ई-गारंटी के रूप में मंजूर की जाएगी.

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