MP News: वर्ल्ड कार फ्री डे पर इंदौर में मनाया जाएगा ‘No Car Day’, जनता बोली- हर महीने मनाया जाना चाहिए
MP News: 22 सितंबर रविवार को वर्ल्ड कार फ्री डे के मौके पर इंदौर में नो कार डे मनाया जा रहा है. शहर के जन प्रतिनिधि और अधिकारी रविवार को कहीं भी आने-जाने के लिए कार का इस्तेमाल नहीं करने की अपील लोगों से कर रहे है. इससे शहर के पर्यावरण को काफी हद तक लाभ मिलने की बात कही जा रही है. शहर की जनता भी इसको लेकर खासी उत्साहित नजर आ रही है.
विजयवर्गीय बोले- ट्रैफिक सुधार में भी इंदौर को नंबर 1 बनाएं
कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की सड़कों पर पूरे उत्साह के साथ 22 सितंबर को नो कार डे का आयोजन होगा. नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से शहर के नागरिकों को वाहनों की भीड़, जानलेवा वायु प्रदूषण और मानसिक तनाव से निजात दिलाने के साथ ही पर्यावरण के लिए अनुकूल क्लीन एनर्जी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा दिया जाएगा. मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर की जनता से अपील की है कि अब हम स्वच्छता के साथ ही ट्रैफिक सुधार में भी इंदौर को देश का नंबर वन शहर बनाएं.
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इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि पिछले साल नो कार डे के दिन 12 फीसदी कारें कम निकलीं. हमने 80 हजार लीटर ईंधन बचाया. 18 फीसदी वायु प्रदूषण कम हुआ और सल्फर मोनोऑक्साइड गैस का उत्सर्जन 5.5 फीसदी कम हुआ. महापौर ने शहर के नागरिकों से निवेदन किया है कि पिछले वर्ष की सफलता को ध्यान में रखते हुए कल मनाए जाने वाले नो कार डे में जरूर भाग लें और अपनी कार की बजाय सायकल, ई-रिक्शा, आई-बस, माय बाइक या किसी भी सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें. इससे हमारे शहर को स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलेगी और हम इंदौर को पर्यावरण सुधार और ट्रैफिक मैनेजमेंट के एक सफल मॉडल के रूप में पेश कर सकेंगे.
जनता बोली- हर महीने मनाया जाए ‘नो कार डे’
नो कार डे (No Car Day) को लेकर शहर की जनता भी खासी उत्साहित नजर आ रही है. कार से घूमने वाले कई लोग कह रहे है कि साल में एक दिन के जगह हर महीने नो कार डे मनाया जाना चाहिए, इससे शहर के ट्रैफिक और पर्यावरण पर बहुत अधिक फर्क पड़ेगा.
जनसंख्या के लिहाज से इंदौर में प्रति व्यक्ति दुनिया के सबसे अधिक वाहन रजिस्टर्ड है. कारों से कई तरह की जहरीली गैस निकलती है, जिसका सीधा प्रभाव पर्यावरण पर पड़ता है. जिस तरह से प्रदूषण की वजह से पूरी दुनिया में पर्यावरण पर प्रभाव पड़ रहा है, वह वाकई चिंताजनक है. ऐसे में इस तरह के छोटे-छोटे प्रयास भी पर्यावरण को बेहतर बनाने में काफी मददगार साबित हो सकते है.