MP News: रीवा में विस्तार न्यूज़ की खबर का असर, नदी के ग्रीन बेल्ट एरिया में अवैध कॉलोनी बनाने वालों के खिलाफ प्रशासन ने की कार्रवाई

MP News: निगम प्रशासन द्वारा जिन अवैध कॉलोनियों को वैध किया गया था. वहां बने भवनों को तो प्लॉट भवन करा करने वालों में फीस जमा कराकर वैध किया जा रहा है लेकिन इन कॉलोनियों को बसाने वाले 71 कॉलोनियों के कॉलोनाइजरों को 121 करोड़ का नोटिस भेजा गया था
The green belt area of ​​Bihar river, which is said to be the lifeblood of Rewa, is decreasing.

रीवा की जीवन दायनी कहे जाने वाली बीहर नदी का ग्रीन बेल्ट एरिया कम होता जा रहा है.

MP News: विस्तार न्यूज़ में विस्तार विशेष कार्यक्रम में एक खबर दिखाई थी जिसमें रीवा की जीवन दायनी कहे जाने वाली बीहर नदी का किस तरह से ग्रीन बेल्ट एरिया कम होता जा रहा है और अवैध कालोनियां विकसित हो रही है पूरी खबर दिखाई थी जिसके बाद अब नगर निगम आयुक्त डॉ. सौरभ सोनवड़े लगातार शहर की अवैध कॉलोनियों के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है. अवैध कॉलोनियों के खिलाफ आ रही शिकायतों को संज्ञान लेने के अलावा अधिकारियों को जोन अंर्तगत जांच कर कॉलोनियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. यही वजह है कि अवैध कॉलोनाइजरों में हड़कंप मचा हुआ है. वह निगम कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं.

विस्तार न्यूज़ ने अवैध कॉलोनियों का खुलासा किया था और ग्राउंड जीरो से दिखाया था कि किस तरह नदी का ग्रीन बेल्ट एरिया काम होता जा रहा है और अवैध कालोनी विकसित होती जा रही. जिसके बाद आयुक्त ने खबर को संज्ञान लेते हुए प्रतिवेदन सभी जोनल अधिकारियों से मांगा था लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी जोनल अधिकारियों द्वारा पालन प्रतिवेदन नहीं दिया गया. इस पर निगमायुक्त ने जोनल अधिकारियों को नोटिस जारी किया है. 3 दिवस के भीतर इन अवैध कॉलोनियों के संबंध में प्रतिवेदन मांगा गया है.

जोनल अधिकारियों की जारी नोटिस में साफ कहा गया है कि यदि तीन के अंदर प्रतिवेदन नहीं प्रस्तुत किया जाता है तो उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि इस नोटिस को लेकर निगम कार्यालय में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं, कहा जा रहा है कि अधिकारी निगमायुक्त की ही नहीं सुन रहे ती किसकी सुनेंगे. हालांकि निगमायुक्त का सख्त रवैया देख अधिकारी-कर्मचारियों के बीच भी हड़कंप मचा हुआ है.

रेरा का उल्लंघन कर बसा दी आधा दर्जन से अधिक कॉलोनियां

जारी नोटिस में साफ कहा गया है कि यदि तीन के अंदर प्रतिवेदन नहीं प्रस्तुत किया जाता है तो उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि इस नोटिस को लेकर निगम कार्यालय में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं, कहा जा रहा है कि अधिकारी निगमायुक्त की ही नहीं सुन रहे ती किसकी सुनेंगे. हालांकि निगमायुक्त का सख्त रवैया देख अधिकारी-कर्मचारियों के बीच भी हड़कंप मचा हुआ है.

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वैध कॉलोनियों से होगी वसूली

बता दें कि निगम प्रशासन द्वारा जिन अवैध कॉलोनियों को वैध किया गया था. वहां बने भवनों को तो प्लॉट भवन करा करने वालों में फीस जमा कराकर वैध किया जा रहा है लेकिन इन कॉलोनियों को बसाने वाले 71 कॉलोनियों के कॉलोनाइजरों को 121 करोड़ का नोटिस भेजा गया था. इन पर भी निगम प्रशासन कार्रवाई करने जा रहा है. जिन कॉलोनाइजरों ने नोटिस का जवाब देते हुए निगम का राशि नहीं जमा कराई है, उनके खिलाफ अब कुकी सहित अन्य कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. वहीं जिन अवैध कॉलोनियों को नोटिस जारी किए गए हैं, उनकी रजिस्ट्री या रोक सहित अन्य कार्रवाई की जा रही है.

इन कॉलोनियों में मांगा गया प्रतिवेदन बता दें

जिसमें ग्राम मढ़ी पटवारी हल्का अटरिया में बसी शांति इंफ्रास्ट्रक्चर, करहिया में उपेन्द्र सिंह द्वारा बसाई गई शांति विलास, शाही बिल्डर के शहीन खान की शाही रिवर प्यू, खुशलानी ब्रदर्स चंदू खुशलानी की रतन नगर कॉलोनी, ऐश्वर्य राज सिंह व उपेन्द्र सिंह द्वारा वार्ड 15 रतहरा में बसाई जा रही कॉलोनी, वार्ड क्रमांक 4 चोरहटा सहित निपनिया व वार्ड 45 में विंड ग्रुप के तौसीफ अहमद व अन्य द्वारा बसाई जा रही कॉलोनी व अर्थ बिल्डर के नीरज सिंह व रामायण प्रसाद साकेत द्वारा वार्ड क्रमांक 4 चोरहटा में बसाई जा रही अवैध कॉलोनी के संबंध में निगमायुक्त ने प्रतिवेदन जोनल अधिकारियों से मांगा है.

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