MP News: रीवा के केंद्रीय जेल में बंद विचाराधीन बंदी की संजय गांधी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत, परिजनों ने पुलिस वालों पर मारपीट का लगाया आरोप

Rewa News: बंदी की मौत के बाद भी उसके हाथों में हथकड़ी लगी रही जिस पर भी परिजनों ने आक्रोश जताया.
A prisoner who was in jail for one and a half years died during illness in Sanjay Gandhi Hospital.

संजय गांधी हास्पिटल में डेढ़ वर्षों से जेल में बंद कैदी की बीमारी के दौरान मौत हो गई.

Rewa News: केंद्रीय जेल में हत्या के प्रयास के मामले में बीते तकरीबन डेढ़ वर्षों से जेल में बंद कैदी की बीमारी के दौरान मौत हो गई. नाराज परिजनों ने घटना के बाद संजय गांधी अस्पताल में जमकर हंगामा किया. जेल अधीक्षक से लेकर नीचे के अधिकारियों कर्मचारियों तक गंभीर आरोप लगाए. परिजनों का कहना है कि इसके पूरे साक्ष्य भी उनके पास मौजूद हैं.

घटना के संबंध में मृतक सुधाकर सिंह के बड़े भाई प्रभाकर सिंह निवासी गढ़ ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके भाई को हत्या के प्रयास मामले में वर्ष 2022 नवंबर माह में जेल भेजा गया था इसके बाद से उनके भाई जेल में ही थे. इस दौरान उनकी कई बार तबीयत खराब हुई. उनके उपचार को लेकर उन्होंने पुलिस के आला अधिकारियों से लेकर जेल अधीक्षक तक से गुहार लगाई लेकिन किसी ने कुछ नहीं सुना. मृतक के भाई का आरोप है कि पुलिस लाइन की आरआई मैडम के पास भी वह गए थे लेकिन उन्होंने भी सिस्टम से आने की बात कही थी उनका सीधा आरोप है कि महिला अधिकारी द्वारा भी सभी सिस्टम को फॉलो करने के निर्देश दिए थे.

मृतक के भाई प्रभाकर सिंह ने कहा कि वह हर माह 5000 रुपए जेल में अपने भाई की सुरक्षा के लिए शुल्क जमा करते थे इसके अलावा खाने-पीने की जो सामग्री जाती थी उसका भी पैसा लगता था. जेल प्रबंधन पर उन्होंने गंभीर आरोप लगाया है वहीं बंदी की मौत के बाद भी उसके हाथों में हथकड़ी लगी रही जिस पर भी परिजनों ने आक्रोश जताया. फिलहाल शव को मर्चुरी में रखा गया है, वहीं परिजन मामले को लेकर जेल अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े हुए है. वहीं परिजनों के हंगामें के वक्त नायब तहसीलदार सहित कई थानों की पुलिस रही.

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एक और बंदी मरणासन्न

एसजीएमएच में एक और थाने का बंदी भर्ती है जो मरणासन्न हालात में है. आरोप है कि जेल प्रशासन द्वारा मसय पर उपचार नहीं कराया जाता है. इसमें जेल प्रशासन के एक कंपाउंडर का नाम सामने आया है जिस पर कई संगीन आरोप लगाया गया है.

ये रहे रहे मौजूद

संजय गांधी अस्पताल में हंगामे के समय नायब तहसीलदार यतीष शुक्ला के साथ ही विभिन्न थानों की पुलिस भी मौजूद रही. वहीं थाना प्रभारी हितेंद्र नाथ शर्मा सहित अन्य थानों के अधिकारियों द्वारा समझाइस दी गई तब जाकर पीड़ित के परिजन माने.

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