MP News: Rewa के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को मिलेगा 3 करोड़ का नया डायलिसिस यूनिट, शासन से स्वीकृति मिलने का है इंतजार

MP News: सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग में 18 डायलिसिस महीने लगी है.
Super Specialty Hospital rewa

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल

MP News: सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में 10 बेड का अलग से डायलिसिस यूनिट तैयार किया जाएगा. इसका प्रस्ताव नेफ्रोलॉजी विभाग से डीन को भेजा गया है. इस यूनिट को तैयार करने में 3 करोड़ से अधिक की राशि का खर्च आएगा.
ज्ञात हो कि वर्तमान समय में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग में डालिसिस यूनिट संचालित की जा रही है. सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग में 18 डायलिसिस महीने लगी है. किडनी के रोगियों के लिए डायलिसिस जरूरी है. ऐसे में सुपर स्पेशलिटी में 24 घंटे डायलिसिस की प्रक्रिया चलती है. यहां हर दिन करीब 50 मरीजों का डायलिसिस किया जाता है. यहां कई ऐसे मरीज भी आते है जिनकी किडनी काफी हद तक खराब हो चुकी होती है. इन्हें डायलिसिस पर रखा जाता है. डायलिसिस कराने वालों को यहां लंबी लाइन है. लोग वेटिंग में रहते हैं. इस डायलिसिस यूनिट में भी पॉजिटिव मरीजों को हालिसिस नहीं हो पाती. एचआईवी पॉजिटिव जैसे मरीजों के लिए अलग से कोई व्यवस्था नही है। संक्रमण का खतरा दूसरे मरीजों पर भी मंडरा सकता है। ऐसे में इन मरीजों का यहां पर डायलिसिस नहीं हो पाता. यही वजह है कि जी पॉजिटिव मरीजों के दायलिसिस के लिए अलग से सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के जेफ्रोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ रोहन द्विवेदी ने सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में 10 बेड का अलग से डायलिसिस यूनिट तैयार करने का प्रस्ताव भेजा है.

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शासन से स्वीकृति मिलने का है इंतजार

इस पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 3 करोड़ 65 लाख के आसपास आंकी गई है. इस प्रोजेक्ट का प्रस्ताव फिलयाल डीन को भेजा गया है. डीन कार्यालय से शासन के पास स्वीकृति के लिए जाएगी. स्वीकृति मिलते ही काम शुरू से आएगा. प्रस्ताद में स्पष्ट रूप से कर गया है कि जीरो पॉजिटिव मरीजों के लिए डायलिसिस की अलग से व्यवस्था नहीं है. ऐसे में हायलिसिस यूनिट के डाक्टर, स्टाफ व अन्य मौओं पर भी संक्रमाग का खतरा मंडराते रहता है. ऐसे में सीरो पॉजिटिव मरीजों के लिए अलग से डायलिसिस यूनिट तैयार करने की जरूरत बताई गई है. व्यवस्था बनाने के लिए नेफ्रोलॉजी विभाग से प्रस्ताव तैयार किया गया है. डीन श्याम शार मेडिकल कॉलेज को प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भेजा गया है. स्वीकृति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा.

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