MP News: मध्य प्रदेश में संविदाकर्मी 30 साल से कर रहे सेवा-शर्तों में सुधार की मांग, कई रिटायर्ड भी हो गए
भोपाल: मध्य प्रदेश के सरकारी विभागों में सालों से नियमित स्टाफ की भर्ती नहीं हुई. ऐसे में सरकार कभी संविदाकर्मी तो कभी कॉनट्रेक्चुअल नियुक्ति देकर काम चलाऊ व्यवस्था लागू किए हुए है. इसी सिस्टम की देन है कि प्रदेश में डेढ़ लाख संविदा कर्मचारी राजधानी में मंत्रालय-सचिवालय से लेकर जिलों के सरकारी दफ्तरों को चला रहे हैं. उधर पहले से कार्यरत अमला लगातार सेवानिवृत्त होते जा रहा है. वर्ष 2025 में तो सरकार के तमाम विभागों से बड़ी संख्या में रेगुलर स्टाफ रिटायर्ड हो जाएगा. ऐसे में कुछ सौ रेगुलर अधिकारी कर्मचारियों के साथ संविदा कर्मचारी ही एकमात्र विकल्प बचेंगे. इसके बावजूद इन संविदा कर्मचारियों की सुध नहीं ली जा रही है. करीब 30 साल से लगातार संविदाकर्मी व्यवस्था लागू है लेकिन आज भी सेवा-शर्तों की अगर बात की जाए तो शासन ने खुद जो कुछ तय किया है, वह भी उनके लिए लागू नहीं किया जा सका.
हर बार चुनाव से पहले.. कभी 90 फ़ीसदी वेतन की घोषणा तो कभी नियमितीकरण का झुनझुना
विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान शिवराज सरकार ने इनकी सेवा-शर्तों को लागू करने का वादा किया था लेकिन उस दिशा में फाइलें बहुत धीमी रफ्तार से चल रही हैं. लोकसभा चुनाव 2024 आते ही एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग ने नियमितीकरण में 50% संविदा कर्मियों को प्राथमिकता देने का निर्णय कर इन्हें लामबंद कर दिया है. अब संविदा कर्मचारियों का कहना है कि केवल एक विभाग क्यों सभी विभागों में 20% के नियम को बदलकर 50% का नियम लागू किया जाए ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो.
संविदा कर्मियों की चार बड़ी मांगें, जिनके लिए सालों साल से कर रहे हैं संघर्ष
1. बिना किसी परीक्षा के विभागीय खाली पदों पर नियमितीकरण हो.
2.नियुक्ति के समय से वरिष्ठता देते हुए समयमान वेतनमान, क्रमोन्नति पदोन्नति दें.
3.समान कार्य समान वेतन का फार्मूला लागू हो।नियमितकी तरह समान भत्ते व सुविधाएं मिलें.
4.वर्ष 2005 से पहले के संविदाकर्मियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ मिले.
स्वास्थ्य विभाग की भर्तियों में अब 50% पद संविदाकर्मियों से भरे जाएंगे
स्वास्थ्य विभाग में 50% पर संविदा कर्मचारियों की ही नियुक्ति होगी. इसका गजट नोटिफिकेशन जारी हो चुका है. बाकी विभागों में अभी यह कोटा 20% ही है. विस चुनाव से पहले सरकार ने संविदा कर्मचारियों के लिए 50% पद आरक्षित करने की बात कही थी.
प्रदेश के आठ विभागों में खाली हैं 55000 से अधिक पद, इनके संविदा कर्मियों को है उम्मीद
स्वास्थ्य विभाग में 50 फ़ीसदी का नियम लागू होने के बाद प्रदेश के अन्य 8 विभागों में संविदा कर्मचारियों की उम्मीद बढ़ गई है. अभी इन विभागों में 55 हजार से अधिक पद खाली हैं. वहीं, 10 से 15 विभागों में 60 हजार से अधिक संविदा कर्मी हैं. पिछले वर्ष 4 जुलाई को मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में संविदा कर्मचारियों के सम्मेलन में तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसकी घोषणा की थी. इसके 18 दिन बाद कैबिनेट में मुहर लगी. 23 जुलाई को इसके नियम जारी हुए. इसमें विभिन्न विभागों, योजनाओं, परियोजनाओं में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को जिस पद पर कार्यरत है, उस पद के समकक्ष न्यूनतम वेतन सहित अनुकम्पा नियुक्ति, ग्रेच्युटी कर प्रधान किया था.
प्रदेश सरकार में विभागवार कार्यरत संविदा कर्मचारी
1. राज्य शिक्षा केंद्र सेंट स्कूल शिक्षा विभाग- 2918
2. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग- 7155
3. ऊर्जा विभाग- 5800
4. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन- 32000
5. आयुष विभाग- 400
6. आयुष डॉक्टर- 700
7. पैरामेडिकल- 411
8. खेल एवं युवा कल्याण विभाग- 928
9. लोक सेवा प्रबंधन सुशासन प्रशासन- 152
10. महिला बाल विकास विभाग- 1485
11. कृषि कल्याण एवं कृषि विकास- 563
12. पीएचई- 1997
13. तकनीकी शिक्षा विभाग- 768
14. लोक सेवा प्रबंधन- 430
किस विभाग में कितने पद खाली
विभाग—पद
मंत्रालय- 1175
स्कूल शिक्षा विभाग-32000
स्वास्थ्य विभाग-4776
जल संसाधन-1789
वन विभाग-3997
राजस्व विभाग-1456
नगरीय विकास एवं आवास-8578
पीडब्ल्यूडी-1943