MP News: नर्मदा नदी के सीने को छलनी कर रहे रेत माफिया, लगातार खनन से बिगड़ रहा प्राकृतिक असंतुलन

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There is no one to stop the machines running illegal sand mining in the middle of the river on the ghats of Narmada.

नर्मदा के घाट पर नदी के बीच अवैध रेत खनन करने चल रही मशीने जिस रोकने वाला कोई नहीं है.

अक्षय शर्मा-

MP News: बुधनी भैरुंदा क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन दिन के उजाले से लेकर रात के अंधेरे तक नियमों को ताक पर रख कर प्रशासनिक अमले को ठेका दिखाते हुए धड़ल्ले से जारी है. जिन्हें रोकने वाला कोई नहीं है. जो भी मौके पर जाता है उसे रेत माफिया घेर लेते हैं. जान से मारने की धमकी सहित कैद कर लिया जाता है. आलम यह है की माफिया बेरोक टोक नर्मदा नदी से बड़ी मात्रा में रेत निकाल रहे हैं. माफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि प्रतिबंधित रेत खदानों से भी यह खनन कर रहे हैं. इतना ही नहीं नर्मदा की मुख्य धारा रोककर बीच नदी में लीड रास्ता बनाकर जेसीबी पोकलेन मशीनों की सहायता से सैकड़ों डंपर रेत का खनन अवैध तरीके से किया जा रहा है, तो वहीं जिम्मेदार विभाग की अनदेखी से एक तो नदी को नुकसान पहुंच रहा है, वहीं राजस्व की भी हानि हो रही है.

विस्तार न्यूज की पड़ताल में हुआ चौका देने खुलासा

मौके पर जाकर विस्तार न्यूज़ की टीम ने देखा कि इन दिनों बुदनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले शीलकंठ, बाबरी,जाजना, अमा,बड़गांव,चोरसा खेड़ी,सद्देव, जहाजपुरा, क्षेत्र में अवैध रेत खनन कार्य धड़ल्ले से जारी है. जहां रेत माफिया नर्मदा नदी की धार को कमऔर कर लीड (रास्त) बनाकर पोकलेन मशीन और हाई प्रोफाइल लोडर की सहायता से सैकड़ों डंपर रेत रोजना अवैध तरीके से निकाल रहे हैं. जबकि शीलकांठ घाट जिले में एक धार्मिक महत्व रखता है. गहर्ष नर्मदा स्नान के लिए लाखों भक्त पहुंचते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रशासन यहां पर रेत की खदान भी आवंटित नहीं करता है, लेकिन खनन माफिया नियमों को धाता बताते हुए यहां से रेत निकाल रहे हैं.

रेत माफियाओं को नेताओं का संरक्षण

बता दें कि, जिले में चल रहे इस अवैध रेत खनन और परिवहन को लेकर जिले के कई बड़े नेता का संरक्षण इन माफियो को प्राप्त है. जहां भैरुंदा क्षेत्र के शीलकंठ सहित कई घाट जो रेत खनन के लिए आवंटित ही नहीं हुआ है. लेकिन फिर भी वहां से अवैध रूप से सैकड़ों डंपर रेत निकाली जा रही है.

अफसरों की कार्य प्रणाली पर उठ रहे सवाल

रेत माफियाओं के प्रति उदासीन रवैये से विभाग के अफसरों की कार्य प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. चर्चा ऐसी भी है कि अफसर और नेताओं और खनन माफिया की साठगांठ से ही नर्मदा नदी में रेत का अवैध कारोबार चल रहा है. रोजाना सैकड़ों डंपर रेत इन घाटों से निकाली जा रही है.

बिना रायल्टी के रेत का परिवहन जारी

नर्मदा के घाट पर नदी के बीच अवैध रेत खनन करने चल रही मशीने जिस रोकने वाला कोई नहीं है. बिना रायल्टी के रेत निकाला जा रहा है, अंधाधुंध रेत निकाले जाने के कारण से नदी को नुकसान पहुंच रहा है. इसके साथ ही सरकार के राजस्व के रूप में मिलने वाली रायल्टी को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है. खास बात यह है कि यहां से अवैध रेत खनन कर सीहोर से लेकर इंदौर तक भेजी जा रही है, लेकिन कोई पूछने वाला नहीं है. बीच नदी में उत्तरी मशीनें जहां एनजीटी ने जहां मशीनों से रेत खनन करने व नर्मदा का स्वरूप विगाड़ने या बीच नदी में खनन न करने के सख्त निर्देश दिए है, लेकिन घाटों पर स्थानीय लोगों की मदद से दिन के समय हाई प्रोफाइल पॉवरफुल लोडर और पोकलेन मशीन चल रही हैं.

इतना ही नहीं इन मशीनों व यहां तक डंपर पहुंचने के लिए बीच नदी तक लोह यानी रास्ता भी खनन माफियाओं ने ही बनाया है. लोगों का तो यह भी कहना है कि अवैध रेत खनन करने वाले पहले जंगल कटाई व वन भूमि के कब्जे करता था, जो अब अवैध रेत खनन भी कर रहा है.

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हजारों डंपर रेत का अवैध स्टॉक कर बैठे रेत माफिया

बरसात का मौसम शुरू हो चुका है ऐसे में रेत माफिया भी अपने मुनाफे को बढ़ाने के लिए अवैध रूप से रेत का स्टॉक किए बैठे हैं. जिससे लगातार रेट के दामों में बढ़ोतरी हो रही है. जिसका सीधा प्रभाव आम जनता पर पड़ना है मतलब रेत के दामों में बढ़ोतरी होना तय है लेकिन कोई भी जिम्मेदार आला अधिकारी मौके पर जाकर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.

सालों से कार्यालय में डटे हुए है अधिकारी

जिले में हो रहे अवैध रेत खनन को रोकने के लिए जिन अधिकारियों की जिम्मेदारी है. वह खुद ही नियम विरुद्ध सालों से कार्यालय में डटे हुए हैं. जिला खनिज अधिकारी राजेंद्र परमार को खुद 3 साल से ज्यादा लंबा समय हो चुका है तो वहीं खनिज इंस्पेक्टर संतोष सूर्यवंशी भी काफी लंबे समय से सीहोर में ही पदस्थ हैं सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार लंबे समय से अधिकारियों के एक ही कार्यालय में पदस्य होने से रेत माफियाओं के साथ इनके तालमेल काफी अच्छे बताए जाते हैं.

खदानों पर ही नियम विरुद्ध तरीके से बेचा जा रहा डीजल

जब विस्तार न्यूज़ मौके पर कवरेज करते समय टैंकर से भरा हुआ छोटा पिकअप वाहन सामने आया. जिसमे बेचने के लिए डीजल भरा हुआ था. वह व्यक्ति जेसीबी पोकलेन मशीन और पनडुब्बियों में डीजल बेचने आया था. सरेआम नियम का उल्लंघन करते हुए वहां डीजल बेच रहा था.

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