MP News: सतना जिले में आजादी के 77 साल बाद भी एक सड़क को मोहताज आदिवासी ग्रामीण, मृतक का शव लेकर 2 किलोमीटर पैदल चलकर ले गए गांव
रिपोर्ट- अरुणेश सिंह बीरु
MP News: सतना जिले में शव को कंधे में रखकर 2 किलोमीटर पैदल चलने का मामला सामने आया है. इस पूरे घटनाक्रम की वजह सड़क का ना होना है. जिसकी वजह से गांव वाले शव को लेकर मीलों पैदल चले. पूरा मामला, नगर परिषद चित्रकूट के वार्ड क्र.15 की आदिवासी बस्ती थरपहाड़ का है. यहां बस्ती के आदिवासियों को नहीं मालूम है. बस्ती में कोई बीमार हो जाए या फिर किसी की मौत हो जाए, तब फिर उस स्थित मे बस्ती से मुख्य सड़क तक लाने और ले जाने के लिए केवल चार कंधों का ही सहारा बचता है.
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मूलभूत सुविधाओं के लिए कर रहे हैं संघर्ष
गौरतलब है कि, बस्ती निवासी 16 वर्षीय बलबीर मवासी पिता राम चरण मवासी,जयपुर राजस्थान के बीरनसर कस्बे में मजदूरी कर रहा था. बीरनसर कस्बे में ही बीते दिनों बलबीर मवासी की मौत हो गई थी, जिसका शव शनिवार को वाहन से ग्राम थर पहाड़ लाया गया. लेकिन दुर्भाग्य से मृतक बलबीर मवासी का शव वाहन से उसके घर तक नहीं ले जाया जा सका.
दरअसल, आदिवासी बस्ती थर पहाड़ में आवागमन के लिए सड़क मार्ग उपलब्ध नहीं है. जिसके बाद मृतक बलबीर मवासी के शव को चारपाई पर लेटाकर चार लोगों द्वारा या चार कंधों पर लगभग दो किलो मीटर दूर ग्राम थर पहाड़ तक ले जाया गया. ग्रामीणों का कहना है कि हम आज भी यहां नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. कई बार जनप्रतिनिधियों से इसकी शिकायत भी की गई लेकिन हमारी समस्या का जस की तस बनी हुई है.