World Blood Donor Day: संघर्ष कर शुरू किया ब्लड कॉल सेंटर, अब तक बचाई लाखों की जान, जानिए कौन हैं इंदौर के अशोक नायक
MP News: वर्ल्ड ब्लड डोनेशन डे पर आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताएंगे जो लाखो जिंदगियों को बचाने का निमित बना है. इंदौर के अशोक नायक ने ब्लड कॉल सेंटर की शुरुआत की है. इस कॉल सेंटर से अब तक लाखों लोगों को ब्लड डोनेट किया जा चुका है. बड़ी बात यह है कि देश भर के मरीजों को ब्लड डोनेट किया जाता है. इस कॉल सेंटर से साढ़े 4 लाख ब्लड डोनर्स जुड़े हुए हैं, जो देश में कहीं भी जाकर ब्लड डोनेट करने को तत्पर रहते हैं.
देश में हर दिन लगभग 5 करोड़ यूनिट ब्लड की आवश्यकता होती है, लेकिन उपलब्ध लगभग ढाई करोड़ यूनिट ही हो पाता है. ऐसे में ब्लड डोनर्स की बहुत बड़ी आवश्यकता होती है. कई ऐसे मरीज भी होते है, जिनका ब्लड ग्रुप बहुत रेयर होता है, उनके लिए भी ब्लड डोनर की उपलब्धता इस कॉल सेंटर के माध्यम से करवाई जाती है. ब्लड डोनर निशुल्क ब्लड देने आते हैं. कई बार फ्लाइट, ट्रेन और निजी वाहनों से भी एक शहर से दूसरे शहर आते जाते हैं. ब्लड डोनेशन कॉल सेंटर की शुरुआत अशोक नायक ने 2013 में की थी.
2007 से वह अपने घर से ही जरूरतमंदों को ब्लड डोनर्स की व्यवस्था करवा रहे हैं. फिलहाल रेड क्रॉस सोसायटी की मदद से यह ब्लड कॉल सेंटर चलाया जा रहा है, जहां हर दिन 40 से 50 जरूरतमंदों को ब्लड की मदद करवाई जा रही है. इसका बकायद डाटा भी रखा जाता है. ब्लड कॉल सेंटर में 8 कर्मचारी लोगो की मदद के लिए उपलब्ध रहते है. सिर्फ 1 कॉल करने पर यहां से आपको हर ग्रुप का ब्लड डोनर मिल जाता है.
ब्लड डोनर्स से दूर रहती है कई बीमारियां
ब्लड डोनर्स के मुताबिक रक्तदान करने वालो को क्लोटिंग से होने वाली बीपी, शुगर, हार्ट अटैक और लकवा जैसी बीमारियां नहीं होती, क्योंकि उनका नया खून बनता रहता है. कोई भी व्यक्ति हर 3 महीने बाद ब्लड डोनेट कर सकता है.
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ब्लड बनाया नहीं जा सकता
जिस तरह से ब्लड की आवश्यकता होती है, उस तरह से ब्लड डोनेशन नहीं होता है. ब्लड डोनेशन को लेकर आज भी लोगो में कई तरह की भ्रांतियां हैं. लेकिन यह समझने की बात है कि ब्लड बनाया नहीं जा सकता, यह एक व्यक्ति के माध्यम से ही दूसरे व्यक्ति को दिया जा सकता है. ऐसे में लोगो को ब्लड डोनेट करने के प्रति जागरूक करना बेहद आवश्यक है.