MP News: फर्जी बैंक अकाउंट से करते थे करोड़ों के ट्रांजेक्शन, बैंक मैनेजर चढ़ा साइबर सेल के हत्थे
MP News: साइबर अपराधी हर दिन देश भर में लोगों से करोड़ों रूपयों की ठगी कर रहे हैं. इन ठगों का अब इंदौर कनेक्शन सामने आया है. इंदौर के ही एक बैंक में 36 ऐसे अकाउंट खोले गए है. ये अकाउंट खोलने वाला बैंक का बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर और जिस व्यक्ति के नाम से अकाउंट खोला गया है, दोनों राज्य साइबर क्राइम सेल के हत्थे चढ़े हैं. इनका दुबई कनेक्शन भी सामने आया है. साइबर अपराधी अलग-अलग तरीके से लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं. ये किस कदर लोगों से ठगी कर रहे हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस के सामने इस तरह की शिकायतों का ढेर लगा हुआ है. सबसे पहले 3 केस से समझते ही कैसे ये साइबर अपराधी ठगी करते हैं.
पहला केस -कुलदीप नामक इस युवक की पत्नी का किसी बदमाश ने इंस्टाग्राम पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर उसमें अश्लील फोटो डालना शुरू कर दिया. फर्जी प्रोफाइल को उसकी पत्नी के रिश्तेदार भी फॉलो कर रहे हैं. अश्लीलता देखकर जब रिश्तेदारों ने इसके बारे में जानकारी दी तो फर्जी प्रोफाइल का पता चला. जब उससे प्रोफाइल बंद करने का कहा तो वह रुपए मांगने लग गया. लेकिन कुलदीप ने रुपए देने के स्थान पर पुलिस को शिकायत कर दी.
दूसरा केस – पेशे से किसान संजय गुर्जर को व्हाट्स ऐप ग्रुप में पीएम किसान योजना को लेकर एक पीडीएफ नजर आया. जब उसने उस पर क्लिक किया तो एक एप डाउनलोड हो गई. उसे सभी परमिशन भी संजय ने दे दी. इसके चंद मिनट बाद ही उसके मोबाइल पर अलग-अलग मैसेज आने लगे और उसके क्रेडिट कार्ड से एक लाख रुपए की शॉपिंग कर ली गई. यही नहीं उसके फोन पे एप के वॉलेट में पड़े रुपए भी चोरी हो गए.
तीसरा केस– बच्चो को ट्यूशन पढ़ा कर अपनी पढ़ाई का खर्च निकाल रही सपना पाल के पास फोन आया. कलर ने कहा कि वह उसके पिता का दोस्त है, वह उसे किसी अन्य नंबर से 10 हजार रुपए भेज रहा है तो सपना उसे वो रुपया इसके मोबाइल नंबर पर भेज दे. इसके बाद साइबर अपराधी ने उसे 10 हजार रुपए उसके बैंक अकाउंट में क्रेडिट होने का मैसेज आया. इसके पहले वह कुछ समझ पाती, कॉलर ने कॉल कर रुपए डालने का दबाव बनाना शुरू कर दिया और सपना ने 5 हजार रुपए डाल दिए.
ऐसे जाता है रुपया बैंक में
अब ये समझ लीजिए कि साइबर अपराधियों का ये रुपए कहा और कैसे जाता है. उद्यमी धीरज जायसवाल के साथ शेयर ट्रेडिंग एप के माध्यम से 85 लाख 21 हजार रुपए की ठगी हुई थी. इसकी शिकायत जायसवाल ने स्टेट साइबर क्राइम सेल में की थी. इसकी जांच में पाया गया कि रुपए आरके इंटरप्राइजेस के इंडसइंड बैंक सियागंज ब्रांच के करंट खाते में जमा हुए थे. जब अकाउंट होल्डर की जानकारी निकली तो अकाउंट राकेश त्रिपाठी का होना पाया गया. राकेश त्रिपाठी को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर जो उसने बताया वो चौकाने वाला था. वह फूड डिलीवरी बॉय है और रात में सिक्योरिटी गार्ड का काम करता है. कुछ रूपयों के लालच में उसने अपना बैंक अकाउंट खुलवाया था.
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2 महीनों में खोले 36 बैंक अकाउंट
स्टेट साइबर क्राइम सेल के एसपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि राकेश ने पूछताछ में बताया कि उसका खाता इंडसइंड बैंक के बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर मोहम्मद जाबांज कुरैशी ने खुलवाया था. उसी ने उसके तमाम फर्जी दस्तावेज भी बनवाए थे. कुरैशी को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने पिछले 2 महीनो में इस तरह के कुल 36 अकाउंट खोलने की बात कबूल की है. इनमें से 20 अकाउंट अलग अलग राज्यों की पुलिस सीज करवा चुकी है. इनमें एक अकाउंट गढ़वाल एंटरप्राइजेज दुबई के ठगो को दिया गया था, जिसके एवज में 12 लाख रुपए लिए गए थे. इस अकाउंट की जांच करने पर यह अकाउंट फरीदाबाद पुलिस द्वारा पहले ही सीज करवाया जा चुका है. आरके इंटरप्राइजेस के खाते में दो माह के अंदर 6.18 करोड़ और गढ़वाल इंटरप्राइजेस में दो माह में 7.50 करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ है.
दो से तीन महीने चलते हैं एक अकाउंट
आरोपी एक खाते को दो-तीन महीने तक ही इस्तेमाल करते थे. आरोपियों ने राकेश के नाम से पहले फर्म बनाई फिर फर्जी गुमाश्ता अनुज्ञा, आइडी का इस्तेमाल किया. ठगों के लिए खाते में बल्क अपलोड और कापोर्रेट आईडी की सुविधा थी. ठगी के रुपयों को वह फोन पे, ई-वालेट और बल्क अपलोड के माध्यम से मिनटों में रुपये अन्य खातों में ट्रांसफर कर लेते थे.