MP News: पहली बारिश में शिक्षा विभाग की लापरवाही हुई उजागर, उमरिया जिले के कुमुर्दू में स्कूल की इमारत ढही

MP News: जिले में ऐसे 96 विद्यालय हैं, जहां किसी न किसी कमरे की स्थिति खराब है. लोक निर्माण विभाग ने इन कमरों का सत्यापन कर उन्हें गिराने का प्रमाणपत्र दिया है, लेकिन इन्हें अभी तक गिराया नहीं गया है.
school building collapses in Kumurdu, Umaria district

कुमुर्दू में स्थित 2006 में बनी प्राथमिक विद्यालय की छत पहली बारिश में ही गिर गई.

चंदन श्रीवास –

MP News: उमरिया जिले के कुमुर्दू में स्थित 2006 में बनी प्राथमिक विद्यालय की छत पहली बारिश में ही गिर गई. इस घटना में किसी की जान नहीं गई, लेकिन इससे सरकारी व्यवस्था की पोल खुल गई. यह घटना पाली जनपद के कुमुर्दू गांव की है, जहां बच्चों की जान खतरे में थी. विद्यालय में खाना बनाने वाली महिलाओं ने बताया कि बच्चे इसी कमरे में भोजन करते थे. यह हादसा किसी भी समय हो सकता था.

जिले के 96 स्कूलों  की  हालत खराब

इस घटना के घटने के बाद शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिले में ऐसे 96 विद्यालय हैं, जहां किसी न किसी कमरे की स्थिति खराब है. लोक निर्माण विभाग ने इन कमरों का सत्यापन कर उन्हें गिराने का प्रमाणपत्र दिया है, लेकिन इन्हें अभी तक गिराया नहीं गया है. वहीं इस पूरे मामले पर उमरिया कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन का कहना था कि हमने इन कमरों को गिराने का आदेश दिया है, लेकिन पंचायतों ने अभी तक कार्रवाई नहीं की है.

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छात्रों के अभिवावक हुए भयभीत

कुमुर्दू के विद्यालय की घटना के बाद वहां अध्ययनरत छात्र और उनके अभिभावक भयभीत हैं. अब वे बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं हैं. कुमुर्दू विद्यालय में कक्षा 1 से 5 तक 41 छात्र हैं, लेकिन हादसे के बाद केवल 8-10 बच्चे ही स्कूल आ रहे हैं. अभिभावकों का कहना है कि हम अपने बच्चों को ऐसे खतरनाक हालात में स्कूल नहीं भेज सकते. इसके अलावा शिक्षकों का कहना है कि हमने उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. वहीं ब्लॉक स्तर के शैक्षणिक सह-समन्वयक संतोष शिवहरे ने कहा कि अगर जल्द ही वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई,तो विद्यालय छात्र विहीन हो जाएगा.

पहली बारिश ने खोली पोल

इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन जिले की पहली बारिश ने शासकीय बिल्डिंग की हालत उजागर कर दी है. लोगों में इस घटना को लेकर भारी रोष है. 2006 में बनी यह बिल्डिंग कैसे गिर गई, इसका कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है. अब सवाल यह उठता है कि अगर वर्तमान में इस्तेमाल हो रही बिल्डिंग में भी दरारें हैं, तो भविष्य में इसके गिरने पर जिम्मेदार कौन होगा?

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