MP News: पत्नी की चाह में यूपी के बाराबंकी से शिवपुरी आया युवक, नहीं हो रही थी शादी
MP News: उत्तरप्रदेश के बाराबंकी का रहने वाला युवक पत्नी की चाह में शिवपुरी पहुंचा गया. यहां वो युवक शादी के लिए आया था. यहां धड़ीचा प्रथा के तहत लड़कियों का मेला लगता है. युवक ने बताया कि उसकी शादी नहीं हो रही है. शिवपुरी के बारे में सुना था कि यहां धड़ीचा प्रथा के तहत शादी कराई जाती है. साथ ही शादी के लिए लड़कियों का मेला भी भरता है. यह सब उनसे यूट्यूब और इंटरनेट मीडिया पर सर्च किया. जब वह आश्वस्त हुआ तब वह खुद के लिए पत्नी की तलाश में शिवपुरी पहुंचा है.
35 की हुई उम्र फिर भी नहीं हो रही है शादी
बाराबंकी के गोकुलपुरा से शिवपुरी पहुंचे सोनेलाल मौर्य ने बताया कि उसकी उम्र 35 साल की हो चुकी है, शादी नहीं हो रही हैं. उसने आईटीआई भी किया है. हिंदी-अंग्रेजी टायपिंग भी आती है, वर्तमान में वह जडी-बूटी का व्यापार करके पैसे भी कमाता है. इसके बावजूद उसकी शादी नहीं हो पा रहे है. शादी के लिए कई मैरिज ब्यूरो से संपर्क कर चुका है. वह शादी कराने के वाली बेवसाइटों के जरिए अपनी शादी के प्रयास कर चुका है लेकिन उसकी शादी नहीं हुई.
यूट्यूब और इंटरनेट मीडिया पर खोजा शिवपुरी का नाम
सोनेलाल मौर्य ने बताया कि उसके छोटे भाई की शादी पक्की होने वाली है. इससे उसे ज्यादा घबराहट होने लगी थी. उसने कई यूट्यूब चैनल और वेबसाइटों पर शिवपुरी के बारे में पढ़ा और देखा था. जिसमें शिवपुरी के बारे में बताया गया था कि शिवपुरी में पत्नी बनाने के लिए लड़कियों का फरवरी में मेला भरता है. जिन लोगों की शादी नहीं हो रही होती है. उनकी यहां इस मेले में शादी करा दी जाती है.
सोने लाल ने बताया कि इंटरनेट पर उसने लड़कियों का मेला भरते देखा था. इस मेले में कुछ लोग बाहर से लड़कियां लाकर पैसे लेकर शादी भी कराई जाती है. इस मंडी में एग्रीमेंट में आधार पर शादी करा दी जाती है. शिवपुरी शादी के लिए लड़की की तलाश में शिवपुरी पहुंचा है.
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शिवपुरी में शादी के लिए मिलती हैं लडकियां
शिवपुरी में शादी के लिए लडकियां मिलती हैं. इसकी जानकारी के साथ इंटरनेट पर बहुत सी जानकारी है. इसके साथ ही यहां धड़ीचा प्रथा के तहत शादी कराई जाती है.
धड़ीचा प्रथा के बारे में केवल सुना ही गया है प्रमाण नहीं
शिवपुरी में धड़ीचा प्रथा के साथ शादी कराई जाती हैं. इस प्रथा के तहत महिलाओं को ‘किराए’ पर दिया जाता था लेकिन धड़ीचा प्रथा के तहत शिवपुरी शादी के कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं. बता दें कि पुराने समय में, भारत के कुछ हिस्सों में विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बीच कुछ कुरीतियां पनपी थी. तभी शिवपुरी का नाम भी धड़ीचा प्रथा के तहत शादी कराने वालों में जोड़ दिया गया. माना जाता है कि धड़ीचा प्रथा किसी जमाने में एक कुप्रथा रही हो, जो अब समय के साथ खत्म हो गई है. इसका कोई ऐतिहासिक दस्तावेज प्रमाण नहीं है. महिलाएं एक साल के लिए किराए पर दी जाती थीं.