MP News: मध्य प्रदेश के कॉलेजों में संस्कृति और संस्कारों की पाठशाला, उच्च शिक्षा विभाग करेगा नवाचार

MP higher Education: उच्च शिक्षा विभाग इस निर्णय को फिलहाल ऐच्छिक रखेगा ताकि किसी तरह का विवाद तूल ना पकड़े.
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प्रतीकात्मक फोटो

भोपाल: स्कूल-कॉलेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार अपनी सांस्कृतिक विरासत और जड़ों से जुड़ाव की कवायद में जुट गई है. नवाचार की यह पहल की है उच्च शिक्षा विभाग जल्द ही निर्णय लेने जा रहा है कि अब हर दिन कॉलेज में सुबह एंट्री लेते समय प्राचार्य, प्राध्यापक और समस्त स्टाफ को नमन करना होगा. इन्हें अपनी कर्मस्थली यानी भूमि को स्पर्श कर प्रणाम करना होगा, जहां यह प्रोफेसर और स्टाफ नौनिहालों का भविष्य संवारने और उन्हें शिक्षित करने में जुटा है. मध्य प्रदेश में अपनी जड़ों से जुड़ाव के लिए इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग जल्द ही आदेश जारी करने वाला है.

पहली बार की जा रही ऐसी पहल

विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश के कॉलेजों में पहली बार ऐसा किया जा रहा है. इससे शिक्षकों और कर्मचारियों में संस्था के प्रति सम्मान, समर्पण दिखे, जिसे विद्यार्थी देखेंगे और अनुसरण करेंगे. उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने विभागीय समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए थे. अवर सचिव वीरन सिंह भलावी द्वारा जारी किए गए बैठक के मिनिट्स से यह बात सामने आई है. दरसअल, मंत्री परमार के इस निर्देश को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के संदर्भ में उठाया गया गया कदम माना जा रहा है, ताकि कॉलेज परिसर की संस्कृति को समृद्ध किया जा सके. शिक्षकों के व्यवहार से विद्यार्थी भी सीखें. कॉलेज कैंपस का वातावरण भी ऐसा हो जो छात्रों को अपनी संस्कृति से जोड़े. उनको अपनी जड़ों से जोड़कर रखे.

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निर्णय को रखा जाएगा ऐच्छिक

सूत्रों की माने तो उच्च शिक्षा विभाग इस निर्णय को फिलहाल ऐच्छिक रखेगा ताकि किसी तरह का विवाद तूल ना पकड़े. विभाग ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि पूर्व में इस तरह के कई निर्णय में उठे विवाद के बाद निर्णय को रोकना पड़ा था. हालांकि इस नई व्यवस्था को पूरे अनुशासन और गंभीरता से सभी कॉलेजों में लागू करवाना, इस प्राथमिकता को ध्यान में रखा जाएगा.

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