MP News: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने SDERF द्वारा बचाए गए चरवाहे से फ़ोन पर की बात, बोले- ‘मैं हूं ना कुछ नहीं होने दूँगा’
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रेस्क्यू किये हुए चरवाहे से फोन पर बात कर उनका हालचाल जाना.
के.के दुबे-
MP News: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक अलग रूप सामने आया है, सिंधिया ने रेस्क्यू किये हुए चरवाहे से फोन पर बात कर उनका हालचाल जाना. दरअसल बीती रात्रि केंद्रीय मंत्री को सिंध नदी के अचानक बढ़े जलस्तर व अधिक तेज गति से बहाव के कारण अलग अलग स्थानों पर 12 लोगों की टापू में फँसे होने की सूचना मिली. जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने तुरंत प्रशासन को हर इंतज़ाम करके बचाने के निर्देश दिए थे.
पानी का बहाव कम होने का था इंतजार
एसडीईआरफ (State Disaster Emergency Response Force) की टीम इसके बाद पूर्ण मुश्तैदी से लगी और किनारे पर से फँसे हुए लोगों से सम्पर्क बनाये हुये थी. हालाँकि सिंध के पानी का बहाव बेहद तेज था जिसके कारण नाँव ले जाकर बचाना मुश्किल था. एसडीईआरफ की टीम बहाव की गति कम होने का इंतजार करने लगी. वहीं केंद्रीय मंत्री ने अपनी नई रणनीति पर कार्य शुरुआत कर दी और निर्देश दिए कि अगर सुबह तक बहाव की स्तिथि नहीं बदली तो तड़के हेलिकॉप्टर से निकाला जाए. हालाँकि सुबह पानी का बहाव थोड़ा कम हुआ और एसडीईआरफ की टीम टापूओं पर पहुँची व सभी फँसे हुए लोगों को निकाल लाई.
रपटा पार करते समय तेज बहाव में फस गए थे लोग
दरअसल, ज़िले की कोलारस तहसील के भड़ौता गाँव में सिंध नदी में पुल के पास कुल 11 लोग रात में सिंध नदी का रपटा पार करते समय सिंध के तेज बहाव में फ़स गये. इनमें एक महिला भी शामिल थी. पुल के दोनों और चेतावनी और निषेध होने के वाबजूद भी ये लोग पुल पार कर रहे थे. इनमें से रात्रि में ही 1 महिला और 2 पुरुष को बचाव अभियान चला कर सुरक्षित निकाल लिया गया था,शेष रहे 8 लोगों को आज सुबह सुरक्षित निकाल लिया गया. इनमें 5 वयस्क और तीन नाबालिग बच्चे थे.
अकेले टापू में फस गया था चरवाहा
एक व्यक्ति राजपाल यादव निवासी मझारी गाँव इंदार थाना के रहने वाले थे वो भैंस को चराने निकले थे वो अकेले एक टापू पर फंस गए थे,इन्हें भी प्रशासन द्वारा बचा लिया गया है. आज सभी के सुरक्षित निकाले जाने के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आत्मिक तरीक़े से अकेले फँसे हुए चरवाहे से फोन पर बात की,केंद्रीय मंत्री ने पहले कुशल मंगल जाना,इसके बाद कहा मैं हूँ ना,कुछ नहीं होने दूँगा. इसके बाद चरवाहे के भैंस के बारे में भी जानकारी ली की उनके मवेशी भी बचा लिए या नहीं,चरवाहे ने कहा था मवेशी भी बचा लिया गया लेकिन उसे रात में डर लगने लगा था.