MP Nursing Scam: नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार अनीता चांद के खिलाफ होगी जांच, गंभीर आरोपों पर HC के निर्देश

MP Nursing Scam: मध्य प्रदेश नर्सिंग घोटाला मामले में हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार अनीता चांद के खिलाफ जांच के निर्देश दिए हैं. आरोप है कि स्कैम केस में जिस पर कार्रवाई होनी थी उसे ही रजिस्ट्रार बना दिया गया है. जानें पूरा मामला-
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MP नर्सिंग स्कैम

MP Nursing Scam: मध्य प्रदेश नर्सिंग घोटाला मामला में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल की वर्तमान रजिस्ट्रार अनीता चांद के खिलाफ जांच के निर्देश दिए हैं. रजिस्ट्रार अनीता चांद के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने नर्सिंग कॉलेज के निरीक्षण के दौरान अनसूटेबल कॉलेजों को सुलेटबल में दर्शाया. उनके खिलाफ एक याचिका दायर करते हुए आरोप लगाया गया कि भ्रष्टाचार में जिनके खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए उन्हें ही रजिस्ट्रार बना दिया गया.

रजिस्ट्रार अनीता चांद के खिलाफ जांच

मध्य प्रदेश नर्सिंग स्कैम केस को लेकर एक याचिका दायर की गई थी.  याचिकाकर्ता ने नर्सिंग काउंसिल की वर्तमान रजिस्ट्रार अनीता चांद पर गंभीर आरोप लगाए थे. इसमें दावा किया गया है कि उन्होंने बिना उपयुक्तता के कई नर्सिंग कॉलेजों को निरीक्षण के दौरान उचित बताकर मान्यता प्रदान कराई है. उन्होंने नर्सिंग कॉलेज के निरीक्षण के दौरान अनसूटेबल कॉलेजों को सुलेटबल में दर्शाया.   इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि रजिस्ट्रार के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच कर तुरंत कार्रवाई की जाए.

2018 से पहले के कॉलेजों को राहत

हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान 2018 से पहले के कॉलेजों को राहत दी है. जो नर्सिंग कॉलेज 2018 से पहले से संचालित हैं, लेकिन जिनके पास 100 बिस्तरों वाला खुद का अस्पताल नहीं है. ऐसे कॉलेजों ने याचिका के जरिए अपनी दलील रखी थी कि पहले उन्हें सरकारी अस्पताल से मिली संबद्धता के आधार पर मान्यता दी जाती थी, लेकिन नए नियमों के तहत उनसे मान्यता के लिए आवेदन करने से रोक दिया गया है. इस पर सुनवाई करते हुए कार्ट ने निर्देश दिया कि सत्र 2024-25 के लिए इन कॉलेजों को सरकारी अस्पताल की संबद्धता के आधार पर मान्यता प्रक्रिया में शामिल किया जाए. यह आदेश नर्सिंग शिक्षण संस्थान मान्यता नियम 2018 के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए दिया गया है.  ऐसे में अब 2018 के पहले के जो कॉलेज हैं, जिनके पास अस्पताल नहीं है उन्हें शासकीय अस्पतालों के बेड आवंटित किए जाएंगे.

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नियमों में न हो कोई बदलाव

हाई कोर्ट ने सरकार द्वारा नर्सिंग और पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों की संबद्धता के नियमों में कोई बदलाव नहीं करने के भी निर्देश दिए हैं.  इस निर्देश से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार द्वारा अधिनियम में संशोधन कर नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्स की संबद्धता का अधिकार क्षेत्रीय विश्वविद्यालयों को सौंपने का निर्णय सत्र 2024-25 में लागू नहीं हो सकेगा.

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