MP Politics: एमपी में हार की समीक्षा के लिए अब कांग्रेस बनाएगी रिव्यू कमेटी, प्रभारी तलाशेंगे लोकसभा चुनाव में हार के कारण
MP Politics: लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद एक बार फिर कांग्रेस में समीक्षा का दौर शुरू हो गया है. इस बार एक रिव्यू कमेटी बनाई जाएगी, जो पराजय के कारणों का पता लगाएगी. एमपी में कांग्रेस को सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है. 2 सीटों पर तो उसके उम्मीदवार ही नहीं थे. शनिवार को दिल्ली में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में रिव्यू कमेटी के गठन का फैसला हुआ है.
कांग्रेस प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी. शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई गई थी. राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में मीटिंग हुई. जिसमें सीडब्ल्यूसी के सदस्य पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल, एमपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी शामिल हुए. बैठक में मध्यप्रदेश में कांग्रेस को मिली हार और दलबदल को लेकर चर्चा की गई. लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन और टूट के कारणों को लेकर बातचीत की गई. जिन-जिन राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा, वहां भी कमेटी बनाकर कारणों की समीक्षा की जाएगी. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस एक्शन लेगी. पार्टी जिम्मेदार नेताओं और प्रदेश अध्यक्षों पर कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि लोकसभा इलेक्शन 2024 में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की है. आजादी के बाद पहली बार भाजपा ने क्लीन स्वीप किया. कांग्रेस को सभी लोकसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले छिंदवाड़ा में भी पार्टी हार गई.
हाईकमान के सामने जीतू ने ली जिम्मेदारी
सीडब्ल्यूसी की बैठक में भी राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के सामने भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मध्यप्रदेश में मिली हार की जिम्मेदारी ली है. उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते अच्छा प्रदर्शन उनकी जिम्मेदारी थी. सूत्रों का कहना हैं कि जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने इस्तीफे की पेशकश भी की थी. हालांकि पार्टी हाईकमान फिलहाल ऐसा कोई फैसला नहीं ले रहा है.
भूरिया ने मांगा इस्तीफा
मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने जीतू पटवारी से इस्तीफा मांगा है. उन्होंने कहा कि एमपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए. हार के बाद कांग्रेस में अंतर्कलह शुरू हो गई है. इससे पहले पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने हार के लिए कमलनाथ और दलबदल के लिए पटवारी को जिम्मेदार बताया था.
जीतू के समर्थन में उतरे जयवर्धन, बोले- उन्हें छह महीने ही मिले
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने लोकसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी ले ली है. लेकिन सिर्फ जिम्मेदारी लेने से कांग्रेस का एक खेमा संतुष्ट नहीं है. उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है. इस बीच, पूर्व मंत्री और राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह उनके समर्थन में उतरे. उन्होंने कहा- हम वर्तमान प्रदेश नेतृत्व पर पूरी जिम्मेदारी डालें, यह सही नहीं है. उनको सिर्फ 6 महीने ही मिले हैं, हमें समझना होगा कि कांग्रेस के जो विचार हैं. वह हर घर तक क्यों नहीं पहुंच पा रहे हैं. मेरे हिसाब से कांग्रेस के हर नेता, हर विधायक, हर पूर्व सांसद, हर पूर्व मंत्री और प्रभावशाली लोगों को बैठकर आने वाले समय के बारे में सोचना पड़ेगा. आखिर हम मध्यप्रदेश में इतने कमजोर क्यों रह गए. कांग्रेस को बहुत गहरे रूप से इस पर मंथन करना चाहिए. जयवर्धन ने कहा- सबसे पहले पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और पूर्व पीसीसी अध्यक्षों को मिलकर रणनीति बनानी होगी.