‘नाभि दिखेगी तो…’, वाले महिलाओं को लेकर दिए बयान पर कथावाचक प्रदीप मिश्रा की आई सफाई, जानें क्या कहा
कथावाचक प्रदीप मिश्रा
MP News: कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने कुछ समय पहले एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर महिला की नाभि दिखती रहे तो वह सुरक्षित नहीं है. लेकिन अगर नाभि ढकी रहेगी तो वह सुरक्षित रहेगी. उस समय ये बयान सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा में आया था. इस पर कई लोगों ने सवाल उठाते हुए इसे महिलाओं की आज़ादी से जोड़कर आलोचना की थी. अब उन्होंने अपने बयान पर विस्तार से अपनी बात रखी और बताया कि उनकी मंशा किसी को आहत करने की नहीं थी.
प्रदीप मिश्रा ने कहा कि उनका कथन दरअसल तुलसी की क्यारी से जुड़ी कथा का प्रतीकात्मक संदर्भ था. उन्होंने समझाया कि जैसे पौधे की जड़ अगर मिट्टी से बाहर आ जाए तो वह सूखने लगता है, उसी तरह मनुष्य की जड़ नाभि है. उनका कहना था कि नाभि ढकी रहने का अर्थ है मर्यादा और सुरक्षा. यह विचार किसी के पहनावे पर टिप्पणी नहीं बल्कि एक सांकेतिक संदेश था.
भारतीय संस्कृति और परिधान का महत्व
मिश्रा ने कहा कि भारतीय परंपरा में वस्त्र केवल पहनावे का साधन नहीं बल्कि संस्कृति और मर्यादा का प्रतीक हैं. उन्होंने बताया कि हमारे समाज में सदियों से नारी के वस्त्र सभ्यता और सादगी को दर्शाते रहे हैं. उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जब भी हमारे नेता और अधिकारी विदेश जाते हैं, तो वहां उनका स्वागत साड़ी पहनकर ही किया जाता है, क्योंकि साड़ी भारतीय संस्कृति की पहचान है.
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प्रेरणा देने वाले वस्त्र अपनाने की अपील
प्रदीप मिश्रा ने महिलाओं से आग्रह किया कि वे ऐसे परिधान धारण करें, जिनसे समाज में सकारात्मक संदेश जाए. उन्होंने कहा कि पहनावा केवल व्यक्ति की नहीं, बल्कि समाज की छवि भी प्रस्तुत करता है. इसलिए बहनों और बेटियों को ऐसे वस्त्र अपनाने चाहिए, जो दूसरों को संस्कृति और मर्यादा की ओर प्रेरित करें. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे किसी पर नियम थोपने के पक्ष में नहीं हैं. उनका संदेश सिर्फ इतना था कि हर व्यक्ति अपने विवेक से निर्णय ले और भारतीय परंपरा की गरिमा को बनाए रखे.