Sehore: कुबेरेश्वर धाम में कांवड़ यात्रा में कई लोग अपनों से बिछड़े, बेटी बोली- पापा प्रदीप मिश्रा को देखने गए थे, अब तक नहीं मिले

झारखंड के धनबाद से चार लोगों का एक परिवार कुबेरेश्वर धाम आया हुआ था, पति-पत्नी और दो बेटी आए हुए थे. मंजू बताती हैं कि तीरथनाथ सिंह अपने परिवार से बिछड़ गए हैं.
People who were separated from their loved ones during the Kanwar Yatra at Kubereshwar Dham spoke to Vistar News.

कुबेरेश्वर धाम में कांवड़ यात्रा में अपनों से बिछड़े लोगों ने विस्तार न्यूज़ से बातचीत की.

Sehore News: सीहोर के कुबरेश्वर धाम में कावड़ यात्रा के बाद लोगों की भीड़ लौटने लगी है. लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो अपनों से बिछड़ गए हैं और अभी भी वह इंतजार में धाम के अंदर बैठे हुए हैं. अव्यवस्था के आलम के कारण लोग आपस में बिछड़ गए हैं और हालात यह है कि सैकड़ों लोग अभी भी अपनों के इंतजार में धाम में बैठे हुए हैं. लोग रो रहे हैं. बिलख रहे हैं. कावड़ यात्रा के बाद अब भोलेनाथ से प्रार्थना कर रहे हैं कि बस उनके बिछड़े हुए अपने उनसे मिल जाए.

कुबेरेश्वर धाम में अपनों का इंतजार

झारखंड के धनबाद से चार लोगों का एक परिवार कुबेरेश्वर धाम आया हुआ था, पति-पत्नी और दो बेटी आए हुए थे. मंजू बताती हैं कि तीरथनाथ सिंह अपने परिवार से बिछड़ गए हैं. तीरथनाथ सिंह की पत्नी मंजू ने बताया कि उनके पति तीन दिन से बिछड़ गए हैं लेकिन अभी तक नहीं मिल पाए हैं. पंडित प्रदीप मिश्रा के दर्शन करने के दौरान भीड़ इतनी थी कि तीरथनाथ सिंह अपने परिवार से अलग हो गए. उनकी दो बेटी और पत्नी कुबेरेश्वर धाम में इंतजार कर रही हैं. पत्नी और बेटी का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है. तीर्थ नाथ सिंह किसानी खेती का काम करते थे. पहली बार परिवार के साथ कुबरेश्वर धाम आए हुए थे. बेटी का कहना है कि पहली बार आने के बाद ही मन खराब हो गया है. पत्नी ने कहा, ‘बाबा बुलाए थे बाबा ही बिछड़ा दिए’.

‘पति जल अर्पित करने आए थे, बिछल गए’

हरियाणा के अम्बाला से आई कुंती ने भी अपना दुख जाहिर किया है. उनके पति केसर गुम हो गए हैं. कुंती अपने पति केसर और अपने बेटी दामाद के साथ कुबेरेश्वर धाम आई हुई थीं. कुंती ने बताया कि धाम के अंदर शिवजी पर जल अर्पण करने के बाद ही पति गुम हो गए हैं. ज्यादा भीड़ होने की वजह से परिवार आपस में बिछड़ गया. धाम के अंदर 3 दिन से परिवार इंतजार में बैठा हुआ है. परिवार का कहना है कि पिछले तीन दिनों से वह बैठे हुए हैं और जब तक केसर नहीं मिलेंगे वह धाम के अंदर ही बैठे रहेंगे. केसर का परिवार धाम के अंदर एक चटाई बिछाकर बैठा हुआ इंतजार कर रहा है. केसर का दामाद अपने ससुर की फोटो दिखा दिखाकर लोगों से पूछ रहा है कि कहीं देखे हैं क्या आप? केसर की पत्नी ने बताया कि उनके पति केसर के पास कुछ नहीं है और न हीं उनके पास चप्पल है. पता नहीं किसी हालत में होंगे. खाना खाया भी हो गया या नहीं. परिवार का आरोप है कि ना तो प्रशासन साथ दे रहा है और न ही प्रबंधन. नतीजा यह है कि लोग रोते बिलखते हुए नजर आ रहे हैं. केसर का परिवार का रो रो कर बुरा हाल हो गया. पत्नी चीख रही है और चिल्ला रही है.

ये भी पढे़ं: Indore: ‘कोचिंग और जिम में बहनें सतर्क रहें, नाम बदलकर हो रहा लव जिहाद’, BJP विधायक गोलू शुक्ला बोले- मैं खुद निगरानी कर रहा

अभी भी रुद्राक्ष की आस में बैठे हैं लोग

इतना ही नहीं धाम में लोग रुद्राक्ष लेने के लिए भी अभी आस में बैठे हुए हैं. कुछ महिलाओं ने बताया कि कुछ लोगों की गलती की वजह से सभी श्रद्धालुओं को परिणाम भुगतना पड़ रहा है कि रुद्राक्ष वितरण ही बंद हो गया है. रुद्राक्ष वितरण बंद होने की वजह से काफी लोगों को बिना रुद्राक्ष के लिए ही घर लौटना पड़ रहा है. इसकी वजह से निराशा भी है.

कुबेरेश्वर धाम में भगदड़ मचने से अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज अभी भी अस्पताल में जारी है. घटना के बाद लगातार प्रबंधन और प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठ रहा है. कुछ सामजिक संगठन प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

ज़रूर पढ़ें