MPPSC प्रोटेस्ट पर मध्य प्रदेश से लेकर दिल्ली तक गरमाई सियासत, छात्रों को जेल भेजने पर राहुल गांधी ने उठाए सवाल
MPPSC: मध्य प्रदेश में MPPSC अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. इस बार इस मामले में प्रदेश से लेकर राजधानी दिल्ली तक सियासत गरमा गई है. चार दिनों तक चले इस प्रोटेस्ट का नेतृत्व करने वाले दो छात्रों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. इस मामले में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सवाल उठाए हैं. साथ ही MP PCC चीफ जीतू पटवारी, पूर्व CM कमलनाथ, राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी सरकार को घेरा है.
क्या है पूरा मामला ?
नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (NEYU) ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि 1 जनवरी को MP पुलिस ने NEYU के दो सदस्य राधे जाट और रंजीत किसानवंशी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इन जुर्म ये है कि इन्होंने MPPSC प्रोटेस्ट का नेतृत्व करते हुए छात्रों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई थी. मुख्यमंत्री ने खुद बुलाकर आंदोलन खत्म करने का बोलकर मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया, लेकिन अब तक मांगे पूरी नहीं हुई है.
गिरफ्तारी को लेकर गरमाई सियासत
छात्रों की गिरफ्तारी की जानकारी सामने आने के बाद इस मामले पर सियासत गरमा गई है. MP PCC चीफ जीतू पटावरी, पूर्व CM कमलनाथ, राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे को उठाया है.
राहुल गांधी ने उठाया मुद्दा
इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘भाजपा भारत के युवाओं का बिल्कुल एकलव्य जैसा अंगूठा काट रही है, उनका भविष्य मिटा रही है. सरकारी भर्ती में विफलता बड़ा अन्याय है. पहले तो भर्ती नहीं निकलती. भर्ती निकल जाए तो एग्जाम समय पर नहीं होते. एग्जाम हो तो पेपर लीक करवा दिए जाते हैं. और जब युवा न्याय मांगते हैं तब उनकी आवाज को बेरहमी से कुचला जाता है.’
उन्होंने आगे लिखा- ‘हाल ही में UP और बिहार की घटनाओं के बाद अब मध्यप्रदेश में MPPSC में हुई गड़बड़ी का विरोध कर रहे दो छात्रों को जेल में डाल दिया गया है. वो भी तब जब मुख्यमंत्री ने खुद छात्रों से मुलाकात कर उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया था. BJP की सरकार ने छात्रों के भरोसे को तोड़ा है और लोकतांत्रिक प्रणाली का गला घोंटा है. छात्रों के अधिकार की लड़ाई में हम उनके साथ हैं. भाजपा को देश के युवाओं के हक की आवाज किसी कीमत पर दबाने नहीं देंगे.’
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने लिखा पत्र
इस मामले पर मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने CM मोहन यादव को पत्र लिखा है. उन्होंने MPPSC आंदोलन से जुड़े छात्रों के प्रकरण और मांगों को लेकर इस पत्र में लिखा कि मध्य प्रदेश में कई विभागो में पद खाली हैं. प्रदेश के छात्रों को कुछ पदों की रेवड़ी न दें. मध्य प्रदेश सरकार कुल कितने पद भर सकती है यह MPPSC के माध्यम से स्पष्ट करें. प्रदेश के होनहार युवाओं के भविष्य के साथ न खेले. साथ ही उन्होंने गिरफ्तार किए गए युवकों को तत्काल रिहा करने और उनके खिलाफ दर्ज FIR को भी रद्द करने की मांग उठाई है.
पूर्व CM कमलनाथ ने घेरा
इस मामले में पूर्व CM कमलनाथ ने सरकार को घेरते हुए सोशल मीडिया पर लिखा- ‘छात्रों को इस तरह से गिरफ्तार कर जेल भेजना सरासर अन्याय है. अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना हर नागरिक अधिकार है. मैं छात्रों की तुरंत रिहाई की मांग करता हूं.’
MP PCC चीफ जीतू पटवारी ने कहा- ‘जी-जान लगा देंगे’
छात्रों की गिरफ्तारी के मामले में MP PCC चीफ जीतू पटवारी ने कहा-‘मुलाकात करके मुकर जाने वाला यह मुख्यमंत्री युवाओं का भला नहीं कर सकता! तानाशाह को सबक सिखाने के लिए युवाओं को अब मिलकर निर्णायक संघर्ष करना ही होगा! न्याय की इस लड़ाई में कांग्रेस भी जी-जान लगा देगी!’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है. बता दें कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की कार्यप्रणाली और परीक्षाओं को लेकर अभ्यर्थियों ने 4 दिनों तक MPPSC के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन खत्म होने के बाद शहर के दो पुलिस थानों भंवरकुआं और संयोगितागंज में केस दर्ज किया गया. प्रदर्शनकारियों के साथ ही कोचिंग संचालकों के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ है.