MP News: सरकारी विभागों में लगाए जाएंगे ‘प्रीपेड स्मार्ट मीटर’, वित्त विभाग ने जारी किए आदेश, बकाया भी चुकाना होगा

MP News: बिजली विभाग का सरकारी विभागों पर करोड़ों रुपये बिल बकाया है. वित्त विभाग की ओर से निर्देश जारी करते हुए कहा गया है कि सरकारी विभाग इन बकाया बिलों को चुकाएं
Prepaid smart meters will be installed in government departments in Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश में सरकारी विभागों में लगाए जाएंगे प्रीपेड स्मार्ट मीटर

MP News: मध्य प्रदेश के सभी सरकारी दफ्तरों (Government Office) में बिजली के प्रीपेड स्मार्ट मीटर (Prepaid Smart meter) लगाए जाएंगे. इसके लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं. वित्त विभाग (Finance Department) की ओर से सभी सरकारी विभागों को आदेश जारी कर दिया गया है.

‘पोस्ट पेड मीटर हटाए जाएंगे’

मध्य प्रदेश में आम जनता के घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में बिजली के प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. इसके बाद सरकारी विभागों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे. इसके लिए वित्त विभाग ने आदेश जारी किया है. जिसमें कहा गया कि ऊर्जा विभाग की अधीनस्थ विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा सरकारी विभागों के सभी स्तर के ऑफिस भवनों में वर्तमान में स्थापित ‘पोस्ट पेड मीटर’ को हटाकर ‘प्रीपेड स्मार्ट मीटर’ लगाए जाएंगे.

ये भी पढ़ें: इस शहर में 2 महीने के लिए DJ पर लगा बैन! अब कैसे जमेगा शादी-ब्याह और जश्न में रंग?

सरकारी विभागों को चुकाना होगा बकाया

बिजली विभाग का सरकारी विभागों पर करोड़ों रुपये बिल बकाया है. वित्त विभाग की ओर से निर्देश जारी करते हुए कहा गया है कि सरकारी विभाग इन बकाया बिलों को चुकाएं. ये भुगतान जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए गए हैं.

क्या होते हैं प्रीपेड स्मार्ट मीटर?

प्रीपेड स्मार्ट मीटर, पोस्ट पेड मीटर से अलग होते हैं. इसमें रीडिंग रिकॉर्ड करने और बिल आने की झंझट खत्म हो जाती है. ये मीटर टैरिफ बेसिस पर काम करता है. इस मीटर के उपभोक्ताओं को पहले रिचार्ज कराना होगा फिर इसके बाद वे बिजली का उपभोग कर सकते हैं. जैसे ही रिचार्ज की राशि खत्म हो जाती है तो बिजली भी बंद हो जाती है. वहीं पोस्ट पेड में इसका उल्टा होता है. पहले उपभोक्ता बिजली का उपभोग करता है फिर रीडिंग ली जाती है. रीडिंग के हिसाब से उपभोक्ताओं को बिल दिया जाता है.

अब मध्य प्रदेश के सरकारी विभागों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का निर्णय लिया गया है. जिसके बाद बिजली विभाग पर बकाये में कमी आएगी.

ज़रूर पढ़ें