रीवा में कांग्रेस कार्यकर्ता के पास सालों से सुरक्षित है पूर्व पीएम राजीव गांधी का चश्मा, 35 साल बाद लाखों में है कीमत, जानिए पूरी स्टोरी…

Rajiv Gandhi's Sunglass: कांग्रेस के युवा कार्यकर्ता आशीष शर्मा ने राजीव गांधी का माल्यार्पण करते हुए उनका अभिवादन किया. उसी दौरान कार्यकर्ता की नजर पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी के विंटेज विदेशी चश्मे पर जा टिकी. चर्चा के दौराना कार्यकर्ता ने पूर्व प्रधानमंत्री से निशानी के तौर पर उनका चश्मा ही मांग लिया.
Rajiv Gandhi's Sunglass

राजीव गांधी का चश्‍मा (फाइल फोटो)

Rajiv Gandhi’s Sunglass: गिफ्ट में मिली कोई भी चीज छोटी हो या बड़ी नहीं, अनमोल होती है. यदि वह किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा दी गई हो जो देश का प्रधानमंत्री रहा हो तो, उसका तो कोई मोल ही नहीं सकता. ऐसी ही एक अनमोल धरोहर रीवा के एक कांग्रेस कार्यकर्ता के पास है. इसे वह बैंक लॉकर में सुरक्षित रखे हैं. उन्हें यह गिफ्ट पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने रीवा दौरे के दौरान दी थी.

34 साल पहले रीवा आए थे राजीव गांधी

यह किस्सा आज से ठीक 34 साल पहले 8 मई 1991 का है. जब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी लोकसभा चुनाव के चलते चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए रीवा आए हुए थे. इसी दौरान रीवा के रहने वाले 20 साल के कांग्रेस कार्यकर्ता आशीष शर्मा की स्वागत के दौरान अपने प्रिय नेता राजीव गांधी से मुलाकात हुई थी. खुली जीप में सवार अपने प्रिय नेता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को सामने देखकर कार्यकर्ता आशीष शर्मा खुशी से झूम उठे थे.

बता दें कि 47 साल की उम्र में 21 मई 1991 के दिन राजीव गांधी की हत्या कर दी गई और वह शहीद हो गए. लेकिन इस घटना से ठीक 13 दिन पहले राजीव गांधी रीवा आए थे. भारत के प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी की 20 अगस्त को जंयती है.

रोड शो के दौरान मांगा था राजीव गांधी से चश्मा

कांग्रेस के युवा कार्यकर्ता आशीष शर्मा ने राजीव गांधी का माल्यार्पण करते हुए उनका अभिवादन किया. उसी दौरान कार्यकर्ता की नजर पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी के विंटेज विदेशी चश्मे पर जा टिकी. चर्चा के दौराना कार्यकर्ता ने पूर्व प्रधानमंत्री से निशानी के तौर पर उनका चश्मा ही मांग लिया.

चश्मा मिलते ही झूम उठे आशीष

पहली मुलाकात में ही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी कांग्रेसी कार्यकर्ता से चर्चा करके इतना ज्यादा प्रभावित हुए कि निशानी के तौर पर उन्होंने अपना कीमती चश्मा उन्हें तोहफे के रूप मे भेंट कर दिया. चश्मा मिलते ही कार्यकर्ता खुशी से झूम गए मानो दुनिया की सबसे नायाब अनमोल चीज उन्हें मिल गई हो. चश्मा पाते ही कार्यकर्ता ने राजीव गांधी जिंदाबाद के नारे लगाए और भागते हुए घर की ओर दौड़े. राजीव गांधी से तोहफे में मिले चश्मे को कार्यकर्ता ने घर की अलमारी मे सहेज कर रख दिया.

गिफ्ट में मिला चश्मा है अनमोल

गोलपार्क इलाके में रहने वाले 54 वर्षीय आशीष शर्मा ने ईटीवी भारत को जानकरी देते हुए बताया कि “राजीव गांधी सभा स्थल तक जाने के लिए एक खुली जीप में सवार हुए. उसी जीप में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह भी सवार थे. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री का अभिवादन करते हुए उनका माल्यार्पण किया. इसी दौरान मैंने निशानी के तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री से उनका चश्मा मांग लिया था.”

उन्होंने आगे बताया कि चश्मा मांगने पर राजीव गांधी ने कहा कि “धूप काफी तेज है, तुम्हें चश्मा देने के बाद हमें दिक्कत होगी. तब मैंन उनसे कहा कि आप इतने बड़े और लोकप्रिय नेता हैं कि आपके एक इशारे पर लोग राह पर अपने हजारों चश्मे बिछा देंगे तब मेरी बातों से प्रभावित होकर उन्होंने निकाला और भेंट कर दिया.”

बैंक लॉकर में सहेज कर रखा है चश्मा

कांग्रेस कार्यकर्ता ने बताया कि “यहां आने के ठीक 13 दिन बाद 21 मई 1991 को आतंकवादी हमले में शहीद हो गए. 8 मई को रीवा में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से हुई उनकी पहली यादगार मुलाकात ही आखिरी साबित हुई. जिसके बाद वह दोबारा अपने नेता से फिर कभी नहीं मिल पाए. इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री से उपहार स्वरूप मिले चश्मे को उन्होंने धरोहार माना और गॉड गिफ्ट समझकर बैंक लॉकर में सहेज कर रख दिया. यह पिछले 34 सालों से आज भी सुरक्षित रखा हुआ है.”

चश्मे पर थी कई दिग्गजों की नजर

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से निशानी के तौर एक छोटे से कार्यकर्ता को मिले चश्मे पर कई लोगों की नजर थी. उन्‍होंने बताते कि “उनके बड़े भाई भी कांग्रेस के नेता हैं. ऐसे में कांग्रेस के ही कई दिग्गज नेताओं ने उनके बड़े भाई से उस चश्मे की डिमांड की, मगर मैंने देने से इनकार कर दिया. इसके अलावा भी अन्य कई लोगों ने उस चश्मे की लाखों मे कीमत लगाई लेकिन मैंने उसे अनमोल समझा और पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी की धरोहर मानकर उस नायाब चश्मे को अब तक संभालकर रखा है. चश्मे के लिए लोगों ने करोड़ों रूपए तक ऑफर दिया है लेकिन वह देने के लिए तैयार नहीं.”

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90 के दशक में 27,700 रूपए थी चश्मे की कीमत’

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की ओर से निशानी के तौर पर उपहार स्वरुप मिला चश्मा इटली की कार्टियर कंपनी का है. आशीष के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी इटली के दौरे पर थे. उसी दौरान उन्हें किसी प्रशंसक की ओर से 2 चश्मे गिफ्ट किए गए थे. वर्तमान में एक चश्मा मेरे पास है और संभवत एक चश्मा सोनिया गांधी के पास है. 1991 के दौरान इस चश्मे की कीमत तकरीबन 27,700 रुपए थी और अब लाखों में है. मगर उनके लिए यह चश्मा अनमोल है जिसे वह हमेशा अपने पास संभालकर रखेंगे.

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