MP Rain: मंडला में बारिश के कारण फंसे 20 लोगों का रेस्क्यू, छतरपुर में सुजारा बांध के 12 और बरगी के 9 गेट खोले जाने से देवास में अलर्ट
जबलपुर में डैम का गेट खोले जाने से नर्मदा का जलस्तर बढ़ गया है.
MP Rain: मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण लोगों का हाल बेहाल है. मंडला जिले के जगन्नाथर गांव में बाढ़ में 20 लोग फंस गए थे. गनीमत रही कि प्रशासन ने वक्त रहते सभी लोगों का रेस्क्यू कर लिया. वहीं भोपाल में कलियासोत डैम में नहाने गए एक युवक की डूबकर मौत हो गई. नहाते समय युवक के दोस्त वीडियो बना रहे थे. इसके कारण युवक के डूबने का लाइव वीडियो भी सामने आया है. बारिश के कारण मध्य प्रदेश में कई जगह बांध भर गए हैं. छतरपुर में सुजारा बांध के 12 और देवास में बरगी बांध के 9 गेट खोलकर पानी निकाला जा रहा है. पानी निकलने के साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
जान जोखिम में डालकर लोग पार कर रहे पुल
अलीराजपुर जिले में 2 दिनों से रुक-रुककर लगातार बारिश हो रही है. जिसके कारण पुल और पुलिया पानी में डूब गई हैं. जिला प्रशासन ने इस समय पुल पर ना जाने की अपील की है. प्रशासन की हिदायत के बावजूद लोग जान जोखिम में डालकर पुल पार कर रहे हैं.
वहीं नरसिंहपुर में 2 दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारम जिला कलेक्टर ने 2 दिनों तक स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है. 8 और 9 जुलाई को जिले के सभी विद्यालयों में छुट्टी की गई है.
छतरपुर में सुजारा बांध के 12 गेट खोले गए
छतरपुर में बारिश के कारण सुजारा बांध लबालब भर गया है. डैम के 12 गेट खोल दिए गए हैं. गेट खुलने से धसान नदी में बाढ़ आ गई है. बताया जा रहा है बांध का पानी आने से नदी में 5 से 6 फीट पानी ज्यादा बढ़ने की संभावना है. बाढ़ प्रभावित इलाकों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. SDRF की टीमों को तैनात किया गया है.
देवास में हाई अलर्ट पर प्रशासन
जबलपुर और उसके आसपास बीते दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते बरगी बांध के गेट खोल दिए गए हैं. जिसके चलते नर्मदा नदी में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. देवास के नेमावर में भी नर्मदा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. इस स्थिति को देखते हुए देवास जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है. प्रशासन ने नर्मदा के विभिन्न घाटों के साथ ही नर्मदा जल से प्रभावित होने वाले बाढ़ प्रभावित गांवों में भी सुरक्षा बढ़ा दी है. वैसे तो नेमावर में नर्मदा का जलस्तर 885 फीट से ऊपर खतरे के निशान माना गया है, जो अभी 865 फीट तक पहुंच चुका है. संभावित किसी भी खतरे को टालने के लिए प्रशासन घाटों पर मोटर बोट, गोताखोर और होमगार्ड के जवानों को तैनात कर दिया है.
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