Rewa: 2 महीने में डॉग बाइट के 1,233 मामले आए सामने, संजय गांधी हॉस्पिटल में रेबीज इंजेक्शन की कमी
रीवा: डॉग्स बाइट के मामले बढ़े लेकिन एंटी रेबीज की वैक्सीन की कमी
Dogs Bite Case In Rewa: मध्य प्रदेश के रीवा में लगातार डॉग बाइट के मामले बढ़ रहे हैं. रोजाना 150 से 200 लोग डॉग बाइट की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. हालात यह है कि अस्पतालों में रेबीज के इंजेक्शनों की कमी होती जा रही है. विंध्य के सबसे बड़े अस्पताल संजय गांधी में पहुंचने वाले मरीज को जिला अस्पताल रेफर करना पड़ रहा है. सड़कों में आवारा घूम रहे इन डॉग्स को लेकर नगर निगम द्वारा भी कोई कड़े कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. जिसके चलते शहर में लगातार डॉग की संख्या बढ़ रही है और यह लोगों को अपना शिकार बना रहे है.
वर्तमान में डॉग बाइट की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. रीवा के सबसे बड़े संजय गांधी अस्पताल में रेबीज इंजेक्शन खत्म हैं. जिसके कारण डॉग बाइट की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों को जिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है. सड़कों में आवारा घूमने वाले डॉग्स सबसे बड़ा खतरा बन गए हैं जो लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं.
नगर निगम नहीं कर रहा कोई कार्रवाई
रात में इन डॉग्स का आतंक और भी ज्यादा बढ़ जाता है. शहर में लगातार बढ़ रही डॉग्स की संख्या को नियंत्रित करने के लिए नगर निगम प्रशासन द्वारा कोई भी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. जिसके कारण इनका आतंक बना हुआ है. वही लगातार डॉग बाइट के कारण बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं. लेकिन जिला अस्पताल के अलावा कही भी रेबीज के इंजेक्शन ही नहीं हैं. यहां तक कि रीवा का सबसे बड़ा अस्पताल संजय गांधी में भी रेबीज के इंजेक्शन खत्म हैं.
‘रोजाना 150 से 200 इंजेक्शन लगाए जाते हैं’
जिला अस्पताल के चिकित्सक राहुल मिश्रा बताते हैं कि रोजाना 150 से 200 इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं. पिछले महीने करीब 2 हजार इंजेक्शन लगाए गए. इस महीने और भी ज्यादा केस सामने आए हैं. वहीं संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक का कहना है कि हमारे पास इमरजेंसी के लिए 100 इंजेक्शन स्टोर में रखे हुए हैं और जल्द ही इंजेक्शनों का स्टॉक आ जाएगा. वहीं डॉक्टर्स का कहना है कि बदलते मौसम के कारण कुत्तों में भी चिड़चिड़ापन आ जाता है जिसके कारण वह काटने लग जाते हैं.
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14 महीने में 5,862 रेबीज के इंजेक्शन लगाए गए
रीवा के जिला अस्पताल में करीब 14 महीने में 5,862 मरीज को एंटी रेबीज वैक्सीन लगाई गई है. जिनमें से 95 फीसदी मामले कुत्तों के काटने के हैं. इसके अलावा 5 फीसदी मामले बिल्ली के काटने के हैं. पिछले माह फरवरी में केवल जिला अस्पताल में 700 मामले कुत्ते के काटने के पहुंचे हैं. इससे पहले जनवरी में 533 मामले पहुंचे थे. चिकित्सकों की माने इस वर्ष डॉग बाइट के केस वर्ष के शुरुआत से बढ़ रहे हैं जबकि पिछले वर्षों में ऐसा नहीं था यह आंकड़ा जिला अस्पताल का है.
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बारिश और सर्दियों में डॉग्स बाइट के मामले बढ़ जाते हैं
चिकित्सकों की माने तो 6 महीने कुत्तों के प्रजनन के होते हैं. बरसात और सर्दियों के दिनों में प्रजनन की वजह से कुत्ते झुंड में दिखाई देते हैं. इस समय अगर उन्हें कोई छेड़ता है तो हमला कर देते यही वजह है कि बरसात के दिनों में कुत्ते के काटने के केस बढ़ जाते हैं. हालांकि आम तौर पर कुत्ते हमला नहीं करते अगर कोई कुत्ता पागल हो जाए तभी हमला करता है.