‘तुम्हारी ऐसी-तैसी कर दूंगा…’, SDO ने किसान को दी धमकी, अब हुए सस्पेंड, जानिए क्या है पूरा मामला

Seoni News: इस घटना के बाद शिकायत दर्ज कराई गई थी. जल संसाधन विभाग में मुख्य अभियंता विनोद कुमार देवड़ा ने बताया है कि मामला सामने के बाद कार्रवाई करते हुए अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है. घटना की जांच की जा रही है
Seoni News SDO who threatened the farmer has been suspended

Seoni News किसान को धमकाने वाला SDO सस्पेंड किया गया

Seoni News: सिवनी के केवलारी से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें सिंचाई विभाग का एक अधिकारी किसान को धमकाते हुए नजर आ रहा है. वहीं दूसरे किसान को कार की डिग्गी में ठूंसने का आरोप भी है. कार्रवाई करते हुए अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है.

क्या है पूरा मामला?

यह पूरा मामला मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के केवलारी के मलारी ग्राम का है. यहां किसानों द्वारा नहर का गेट खुद खोलने की शिकायत पर सिंचाई विभाग के SDO श्रीराम बघेल अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. मौके पर पहुंचते ही SDO और किसानों के बीच विवाद शुरू हो गया था. जिसके बाद एक किसान द्वारा महिला कर्मचारी को कुछ बोल दिया. जिसके बाद SDO के कहने पर दूसरे कर्मचारी किसान को कार की डिक्की में ठूंसते नजर आए.

ये भी पढ़ें: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के बाद मध्य प्रदेश में अलर्ट, यात्रियों को जल्दबाजी ना करने की सलाह

‘तुम्हारी ऐसी-तैसी कर दूंगा’

SDO श्रीराम बघेल ने किसानों को धमकी देते हुए कहा कि तुम अपनी सीमा में रहना. मैं किसी भी हद तक जाऊंगा. तुम्हारी ऐसी-तैसी कर दूंगा. अधिकारी वीडियो बनाने से भी रोकता है. अधिकारी ने कहा कि वीडियो नहीं बना सकते…मेरी नहर के गेट खोलने की कोशिश क्यों की.

अधिकारी हुआ सस्पेंड

इस घटना के बाद शिकायत दर्ज कराई गई थी. जल संसाधन विभाग में मुख्य अभियंता विनोद कुमार देवड़ा ने बताया है कि मामला सामने के बाद कार्रवाई करते हुए अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है. घटना की जांच की जा रही है.

‘मध्य प्रदेश का प्रशासन किसान विरोधी और संवेदनहीन’

मामले पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने सोशल मीडिया साइट पर पोस्ट करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश का प्रशासन दिन पर दिन किसान विरोधी और संवेदनहीन होता जा रहा है. सिवनी में एक किसान को जानवरों की तरह पड़कर जल संसाधन विभाग के एसडीओ और उनकी टीम कार की डिग्गी में डाल रहे हैं.

उन्होंने लिखा किसान उसके साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार न करने के लिए गिड़गिड़ा रहा है लेकिन उस पर दया करने की बजाय सरकारी अमला हंस रहा है और उसका मजाक उड़ा रहा है. यह प्रशासनिक संवेदनहीनता और क्रूरता की पराकाष्ठा है. स्वतंत्र देश में आखिर किसी नागरिक के साथ इस तरह का व्यवहार कैसे किया जा सकता है?

ज़रूर पढ़ें