MP Weather: मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड, शहडोल का पारा 7 डिग्री से नीचे, जानें कैसे रखें खुद को सुरक्षित

MP News: शहडोल जिले में ठंड का असर पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ रहा है, जिसकी वजह से सुबह और रात के समय लोगों की आवाजाही काफी कम हो गई है.
Severe cold in Madhya Pradesh

मध्‍य प्रदेश में कड़ाके की ठंड

MP News: मध्य प्रदेश में मौसम ने अचानक करवट ली है और कड़ाके की ठंड ने कई जिलों में हाल बेहाल कर दिया है. भोपाल, राजगढ़ से लेकर शहडोल तक न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है. शहडोल जिले में ठंड का असर पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ रहा है, जिसकी वजह से सुबह और रात के समय लोगों की आवाजाही काफी कम हो गई है. शाम 8 बजे के बाद गांवों की गलियों में सन्नाटा फैला रहता है और शहरों में भी लोगों की दिनचर्या ठिठुरन के आगे थम-सी गई है.

शहडोल में ठंड का मौसम तेज

शहडोल के रहने वाले लोग बताते हैं कि घर लौटते समय ठंड इतनी तेज महसूस होती है कि जल्दी से घर पहुंचने की ही जल्दी रहती है. लोगों का कहना है कि इस बार सर्दी काफी जल्दी शुरू हो गई है और धूप के बावजूद दिनभर चलने वाली ठंडी हवाएं शरीर को राहत नहीं दे रहीं. जिले में 10 से 15 नवंबर के बीच न्यूनतम तापमान लगातार 6 से 7 डिग्री के आसपास रिकॉर्ड किया गया है. 10 नवंबर को तापमान 7.2 डिग्री रहा, वहीं 11 को 7.5, 12 को 6.99, 14 को 7.2 और 15 नवंबर को न्यूनतम तापमान 6.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

ठंड में सावधानी बरतनी चाहिए

ठंड बढ़ने के साथ बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसे में आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों और वृद्धों को खास सावधानी बरतनी चाहिए. विशेषज्ञ बताते हैं कि उन्हें गर्म कपड़े पहनाएं, कान ढककर रखें और ठंडे पानी से दूर रखें. स्नान हमेशा गुनगुने पानी से ही करें और शरीर का तापमान सामान्य होने पर ही बाहर निकलें. जिन लोगों को हृदय या फेफड़ों की समस्या है, वे ठंडे पानी का उपयोग बिल्कुल न करें, क्योंकि इससे तकलीफ बढ़ सकती है. वृद्धों को जोड़ों के दर्द से राहत के लिए हॉट वॉटर बैग का इस्तेमाल करना चाहिए और कमरे में उचित तापमान बनाए रखना चाहिए.

ठंडे खाद्य पदार्थों से बनाए दूरी

आयुर्वेद के अनुसार, ठंड के मौसम में शीतल प्रवृत्ति वाले खाद्य पदार्थों से दूरी रखना बेहतर है. डॉक्टर सलाह देते हैं कि रात के समय केला, सीताफल, चावल और दाल का सेवन न करें, क्योंकि ये शरीर में ठंडक बढ़ाते हैं. वहीं अदरक, दालचीनी और हल्दी जैसे मसाले शरीर को गर्म रखकर मौसम के अनुकूल ढालने में मदद करते हैं.

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ठंड बढ़ने के साथ ही किसान भी अपने काम में जुट गए हैं और गेहूं की बुवाई ने रफ्तार पकड़ ली है. किसानों का कहना है कि मौसम की मौजूदा स्थिति को देखते हुए बुवाई के लिए ये समय उपयुक्त माना जा रहा है, इसलिए खेतों में तेजी से काम हो रहा है.

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