शहडोल स्कूल पेंट घोटाले में स्कूल शिक्षा मंत्री का बड़ा एक्शन, प्रिंसिपल सस्पेंड, सामने आई नोटशीट
शहडोल पेंट घोटाला
MP News: मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से सामने आए स्कूल पेंट घोटाले को लेकर पूरे देश में चर्चा हो रही है. ब्यौहारी ब्लॉक के दो सरकारी स्कूलों में पेंट के लिए स्कूल प्रिंसपल ने 443 मजदूर और 215 मिस्त्री के नाम पर 3.38 लाख रुपए का बिल पास करवाया. पूरा घोटाला सामने आने के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने बड़ा एक्शन लिया है. उन्होंने शाला के प्रभारी प्राचार्य को निलंबित कर दिया है. साथ ही अन्य आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
स्कूल शिक्षा मंत्री ने लिया एक्शन
शहडोल जिले के दो स्कूलों में पेंट घोटाला सामने आने के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप ने बड़ा एक्शन लिया है. उन्होंने जानकारी दी- ‘शहडोल के ब्यौहारी में सकंदी हाई स्कूल के निर्माण कार्यों में आई शिकायत उपरांत प्राथमिक जांच में दोषी पाए जाने पर शाला के प्रभारी प्राचार्य को तत्काल निलंबित किया गया है. विभाग ऐसे किसी भी मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई हेतु प्रतिबद्ध है.’
शहडोल के ब्यौहारी में सकंदी हाई स्कूल के निर्माण कार्यों में आई शिकायत उपरांत प्राथमिक जाँच में दोषी पाए जाने पर शाला के प्रभारी प्राचार्य को तत्काल निलंबित किया गया है।
— Uday Pratap Singh (@udaypratapmp) July 5, 2025
विभाग ऐसे किसी भी मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई हेतु प्रतिबद्ध है।@CMMadhyaPradesh @schooledump
सामने आई नोटशीट
शहडोल के दो स्कूलों में पेंट घोटाला सामने आने के जिला शिक्षा अधिकारी की नोटशीट भी सामने आ गई है. जिला शिक्षा अधिकारी ने बिना जांच किए कई स्कूलों को लाखों का भुगतान कराया है. DEO के सत्यापन के बाद सुधाकर कंस्ट्रक्शन को भुगतान किया गया है. ऐसे में जिला शिक्षा अधिकारी भी जांच के घेरे में आ गए हैं.
शहडोल स्कूल पेंट घोटाला
4 लीटर पेंट के लिए 168 मजदूर और 65 मिस्त्री
मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से सामने आया एक सरकारी घोटाला इस समय पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है. सरकारी हाई स्कूल की दीवारों की पुताई के लिए 4 लीटर पेंट खर्च किया गया लेकिन मजेदार बात यह है कि उस काम में 168 मजदूर, 65 मिस्त्री, यानी कुल 233 लोग झोंक दिए गए. स्कूल की दीवारों को ‘रंगीन’ करने का काम का बिल बना 1.06 लाख रुपए.
शहडोल जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) फूल सिंह मारपाची ने इस बिल को बाकायदा मंजूरी भी दे दी थी, जिसके चलते उनकी भूमिका भी संदिग्ध है.
निपानिया स्कूल में 20 लीटर पेंट पर 2.31 लाख खर्च
वहीं, दूसरा मामला निपानिया के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है. यहां 20 लीटर पेंट खरीदा गया, जिसके एवज में 275 मजदूर और 150 मिस्त्री कार्यरत दिखाए गए. उन्हें 2 लाख 31 हजार 650 का भुगतान किया गया.