‘हिंदू धर्म के खिलाफ फैसले करने में सुप्रीम कोर्ट को गर्व होता है’, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा बयान, बोले- यह सिर्फ बरगलाने की कोशिश

Jabalpur News: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट हो या अन्य कोर्ट उन्हें हिंदू धर्म के खिलाफ फैसले सुनाने में मजा आता है
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जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

Jabalpur News: ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद एक दिवसीय कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मंगलवार को जबलपुर पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट पर बड़ा आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हो या अन्य कोर्ट उन्हें हिंदू धर्म के खिलाफ फैसले सुनाने में मजा आता है.

‘बरगलाने की कोशिश हो रही है’

वक्फ बोर्ड पर बोलते हुए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि आप कह रहे हैं कि वक्फ बोर्ड में एक हिंदू अधिकारी होगा. इससे हमें क्या फायदा होगा. इससे हमें क्या लाभ होगा. वो सरकारी अधिकारी वैसे ही हिंदू धर्म के खिलाफ है. हम गाय को पकड़ते हैं, उसे थाने में ले जाते हैं लेकिन कोई अधिकारी मदद नहीं करता है. बल्कि हमारे ऊपर मुकदमा लादता है. हम मंदिर की बात करते हैं या कोई भी बात करते हैं तो अधिकारी हमारे खिलाफ खड़े हो जाते हैं.

उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट हो या कोई दूसरी कोर्ट हो उन्हें हिंदू धर्म के खिलाफ फैसला सुनाने में मजा आता है. हमारी तो कोई सुनने वाला नहीं है. यदि कोई अधिकारी वक्फ बोर्ड में बैठ भी जाएगा, उसका नाम हिंदू जैसा होगा. उससे हिंदुओं का क्या भला होगा? ये बरगलाने की कोशिश की जा रही है.

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बाबा बागेश्वर पर साधा निशाना

शंकराचार्य ने बाबा बागेश्वर पर निशाना साधते हुए कहा कि हिंदू राष्ट्र चले थे, अब हिंदू गांव बना रहे. उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति हिंदू राष्ट्र बनाने चला था. अब वही हिंदू गांव बना रहा है. यह तो वही बात हुई कि बनाने चले थे हाथी और अब बना रहे हैं चूहा.

उन्होंने आगे कहा कि पहले जहां हिंदू राष्ट्र की बात हो रही थी, अब ‘हिंदू गांव’ बनाया जा रहा है. यह परिवर्तन क्यों आया? क्या प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद ही यह बदलाव हुआ? क्या वही इसका कारण है, जैसा कि हम अनुमान लगा पा रहे हैं, या इसके पीछे कोई और कारण है?

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