NHRC सदस्य प्रियंक कानूनगो के पास पहुंचा भोपाल ड्रग्स केस के आरोपी शारिक मछली का बिजनेस पार्टनर, कहा– बहुत नुकसान हो रहा, उसे छोड़ दीजिए

MP News: भोपाल का कुख्यात मछली परिवार ड्रग तस्करी, यौन शोषण और अवैध कब्ज़ों के मामलों में पुलिस के रडार पर है. इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने शारिक मछली के पैरोकार से मुलाक़ात का दावा किया है.
Priyank Kanungo

NHRC सदस्य प्रियंक कानूनगो

MP News: भोपाल का कुख्यात मछली परिवार पुलिस के रडार पर है. ड्रग तस्करी, यौन शोषण, धर्मांतरण, लव-जिहाद और अवैध ज़मीन कब्जाने जैसे गंभीर अपराधों में लिप्त इस परिवार पर लगातार कार्रवाई हो रही है. कुछ दिन पहले ही प्रशासन ने मछली परिवार की अवैध संपत्ति पर बुलडोज़र एक्शन लिया था. इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर पोस्ट करके बड़ा दावा किया है.

कानूनगो ने कहा कि उनके दिल्ली स्थित निवास पर जैनेंद्र पाठक नामक एक व्यक्ति मुलाक़ात के लिए आया. मुलाक़ात के दौरान उसने खुद को मछली परिवार का बिज़नेस पार्टनर बताया. उसका कहना था कि वह भोपाल के शारिक मछली के साथ प्रॉपर्टी का धंधा करता है और मछली परिवार की तरफ़ से ही आया है. उसने यह भी कहा कि परिवार को बहुत नुकसान हो गया है, इसलिए उन्हें छोड़ दिया जाए.

ड्रग्स और धर्मांतरण में भी शामिल

पुलिस की जांच में यह भी पता चला था कि मछली गैंग सिर्फ जमीन कब्जाने तक ही सीमित नहीं था बल्कि ड्रग्स जिहाद, धर्मांतरण और अवैध हथियारों की तस्करी में भी शामिल था. यासीन मछली से हुई पूछताछ में उसने चौंकाने वाले खुलासे हुए थे. उसने बताया था कि परिवार ने अपने कारोबारी नेटवर्क में नेताओं और अफसरों तक को हिस्सेदारी दी थी, जिससे उनका दबदबा लंबे समय तक बना रहा.

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संपत्ति और बुलडोजर एक्शन

मछली परिवार ने अवैध तरीके से अकूत संपत्ति खड़ी की थी. तालाबों से मछली पकड़ने के ठेकों से ही उन्हें हर साल करीब 4 करोड़ रुपये की कमाई होती थी और पिछले 40 सालों में यह रकम 150 करोड़ से ज्यादा तक पहुंच गई. सरकारी कागजों में उनका नाम नहीं मिलता, लेकिन मुनाफा उन्हीं तक पहुंचता था. हाल ही में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए परिवार की कई संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया. इनमें शकील अहमद का फार्म हाउस, शारिक का वेयरहाउस, अवैध मदरसा और तीन मंजिला कोठी, वार्ड नंबर 62 अनंतपुरा कोकता क्षेत्र में ये अवैध निर्माण शामिल हैं.

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