Ujjain News: श्री महाकालेश्वर ने धारण किया रजत शेषनाग मुकुट और मुंडमाला, CM मोहन यादव ने भी लिया आशीर्वाद
भगवान श्री महाकालेश्वर ने रजत शेषनाग मुकुट और मुंडमाला धारण किया.
Ujjain News: श्रावण मास के दूसरे सोमवार को उज्जैन में भक्ति, परंपरा और सांस्कृतिक उल्लास का अनुपम संगम देखने को मिला. भगवान महाकालेश्वर ने चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में रजत पालकी में विराजमान होकर नगर भ्रमण किया और भक्तों को दर्शन दिए. भगवान ने रजत शेषनाग मुकुट, मुंडमाला, रुद्राक्ष और सुगंधित फूलों से अलंकृत होकर दिव्य स्वरूप में दर्शन दिए. सवारी प्रस्थान से पूर्व महाकाल मंदिर के सभामंडप में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने विधिवत पूजन-अर्चन किया. भगवान को भव्य श्रृंगार के साथ पारंपरिक आभूषणों और पुष्पमालाओं से सजाया गया.
नगर भ्रमण एवं मार्ग
सायं 4 बजे भगवान महाकाल रजत पालकी में सवार होकर परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट पहुंचे. यहां क्षिप्रा नदी के तट पर उनका पूजन-अभिषेक हुआ. इसके बाद सवारी रामानुजकोट, कार्तिक चौक, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए पुनः मंदिर लौट आई.
सवारी के दौरान देशभर के कोने-कोने से श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा. सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही और श्रद्धालुओं के लिए मंदिर प्रबंध समिति ने हाईटेक लाइव एलईडी रथों के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर सीधा प्रसारण की व्यवस्था की.
जनजातीय लोकनृत्य दलों ने किया मन मोह लिया
मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप इस वर्ष सवारी में सांस्कृतिक विविधता और जनजातीय गौरव का अद्भुत संगम देखने को मिला. आठ जनजातीय एवं लोकनृत्य दलों ने संपूर्ण सवारी मार्ग पर अपनी प्रस्तुतियां दीं. इनमें ये नृत्य शामिल थे
- झाबुआ (म.प्र.) का भगोरिया नृत्य
- नाशिक (महाराष्ट्र) का सोंगी मुखौटा नृत्य
- गुजरात का राठवा होली नृत्य
- राजस्थान का गैर-घूमरा नृत्य
- ओडिशा का जोड़ी शंख नृत्य
- छत्तीसगढ़ का पंथी नृत्य
- हरियाणा का घूमर नृत्य
- मध्यप्रदेश (छतरपुर) का बरेदी नृत्य
इन दलों ने रामघाट, दत्त अखाड़ा और सवारी मार्ग के विभिन्न हिस्सों पर प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं का मन मोह लिया. रथ, संगीत, वेशभूषा और रंग-बिरंगे नृत्य दलों ने माहौल को जीवंत कर दिया.