सिंहस्थ 2028 से पहले बदलेगी उज्जैन की तस्वीर, CM मोहन यादव ने किया शिप्रा नदी किनारे 29 KM लंबे घाटों का भूमिपूजन
CM मोहन यादव ने किया भूमिपूजन
Simhastha 2028: महाकाल की नगरी उज्जैन में साल 2028 में सिंहस्थ (Simhastha 2028) का आयोजन होने वाला है. सिंहस्थ 2028 की तैयारियां शासन और प्रशासन ने शुरू कर दी हैं. इस बीच CM मोहन यादव ने शिप्रा नदी के किनारे 29.21 किलोमीटर लंबे घाटों का भूमिपूजन किया. इन घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी. इस निर्माण के लिए 862.3 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है.
क्षिप्रा नदी पर बनेंगे घाट
शिप्रा नदी के किनारे ‘नमामि क्षिप्रे परियोजना’ के तहत घाट निर्माण एवं अन्य कार्य किए जाएंगे. सिंहस्थ 2028 से पहले उज्जैन की तस्वीर बदल जाएगी. इसके लिए 862.3 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है. इसमें से 778.91 करोड़ रुपए के माध्यम से शिप्रा नदी के किनारे 29.21 किलोमीटर लंबे घाट बनेंगे. घाटों की औसत चौड़ाई 15.6 मीटर होगी. इसके अलावा 83.39 करोड़ रुपए बैराज, स्टॉपडैम और वेंटेड कॉजवे निर्माण पर खर्च होंगे. शनि मंदिर से नागदा बाईपास तक घाटों का निर्माण होना है, जिसे सिंहस्थ 2028 से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए होंगी ये विशेष सुविधाएं
- पेयजल की व्यवस्था
- वस्त्र बदलने के कक्ष
- हाई क्वालिटी प्रकाश व्यवस्था
- नाव विहार
- सार्वजनिक शौचालय
- सुरक्षा के लिए CCTV कैमरे और रेलिंग
- वैदिक वृक्षों की छाया
- प्रशिक्षित आपदा प्रबंधन स्टाफ की तैनाती
बैराज/स्टॉप डैम/वेटेड कॉजवे निर्माण
उज्जैन में 83.39 करोड़ रुपए की लागत से बैराज, स्टॉपडैम और वेंटेड कॉजवे का निर्माण भी होना है. ये निर्माण कार्य धार, उज्जैन, इंदौर और देवास जिले में होना है. जल संसाधन विभाग देवास द्वारा 2.53 करोड़ रुपए की लागत से गाजनोद खेडा बैराज, 3.23 करोड़ रुपए की लागत से दखनाखेड़ी बैराज, 3.15 करोड़ रुपए की लागत से पटाड़ा बैराज कम कॉजवे, 3.79 करोड़ रुपए की लागत से रनायर बैराज, 4.73 करोड़ रुपए की लागत से टिगरियागोगा बैराज, 6.74 करोड रुपए की लागत से सिरोंज बैराज कम कॉजवे और 2.57 करोड़ रुपए की लागत से बरोदपिपलिया बैराज का निर्माण किया जाएगा.