उज्जैन में होगी राज्य की पहली स्प्रिचुअल वेलनेस समिट, तैयार किया जाएगा मेडिटेशन और मेंटल वेलनेस हब

Ujjain News: उज्जैन में 5 जून को प्रदेश की पहली स्प्रिचुअल वेलनेस समिट का आयोजन किया जाएगा. इसमें देश भर से विशेषज्ञ और निवेशक शामिल होंगे. उज्जैन को एक केंद्रीय हब के रूप में विकसित किया जाएगा. जहां से पूरे मध्य प्रदेश में मेंटल थैरेपी, ध्यान, डिटॉक्सिनेशन, योग, और आयुर्वेदिक उपचार के क्लस्टर विकसित होंगे
ujjain city (file photo)

उज्जैन शहर (फाइल तस्वीर)

Ujjain News: भारत को विश्वभर में योग, ध्यान और मानसिक शांति की भूमि के रूप में जाना जाता है. इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए मध्य प्रदेश सरकार अब उज्जैन को मेंटल वेलनेस और मेडिटेशन का अंतरराष्ट्रीय हब बनाने जा रही है. यह जानकारी मध्य प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MPIDC) के वरिष्ठ अधिकारी राजेश राठौर ने दी है.

उज्जैन में बनेगा मानसिक शांति का केंद्र

राजेश राठौर ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का सपना है कि उज्जैन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में पहचाना जाए, बल्कि यह मानसिक शांति, मेंटल हेल्थ और मेडिटेशन के क्षेत्र में भी वैश्विक पहचान बनाए. उन्होंने कहा कि आज के समय में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण हो गया है.

ध्यान और मानसिक चिकित्सा पर जोर

राठौर ने कहा कि भारत ने हमेशा आर्थिक प्रगति के साथ-साथ मानसिक शांति का भी संदेश दिया है. हमारे देश में वर्षों से ध्यान, योग और आयुर्वेद के माध्यम से मानसिक संतुलन को प्राथमिकता दी जाती रही है. उन्होंने कहा, “भारत में कई बड़े ध्यान केंद्र स्थापित हैं, जो न केवल देशवासियों के लिए बल्कि विदेशों से आने वाले हजारों लोगों के लिए मानसिक उपचार और आत्मिक शांति के केंद्र बन चुके हैं. अब मध्य प्रदेश और विशेष रूप से उज्जैन को इस दिशा में आगे बढ़ाने की योजना है.”

ये भी पढ़ें: MP News: सीएम मोहन यादव 4 जून को करेंगे शिप्रा तीर्थ परिक्रमा का शुभारंभ, 351 फीट लंबी चुनरी अर्पित करेंगे

5 जून को जुटेंगे विशेषज्ञ और निवेशक

इस उद्देश्य को साकार करने के लिए 5 जून को उज्जैन में देश-विदेश से विद्वानों, नीति-निर्माताओं और निजी निवेशकों का एक बड़ा समूह आ रहा है. इनमें वे लोग शामिल हैं जो वर्षों से मेंटल हेल्थ, मेडिटेशन, डिटॉक्सिफिकेशन और समग्र चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं और अपने-अपने देशों या राज्यों में बड़े सेंटर संचालित कर रहे हैं.

इसमें स्वामी चिन्मयानंद महाराज, पतंजलि ट्रस्ट से योगी बालकृष्ण, शतायु आयुर्वेद, सॉलिटेयर वेलनेस, आकार वेलनेस, आयुष ग्राम, हार्टफुलनेस और विचार मंथन जैसे संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. ये विशेषज्ञ उज्जैन में वेलनेस और अध्यात्म के माध्यम से एक नई इंडस्ट्री खड़ी करने पर विचार साझा करेंगे.

मेंटल थैरेपी और डिटॉक्सिनेशन का सेंटर

राठौर ने बताया कि योजना के तहत उज्जैन को एक केंद्रीय हब के रूप में विकसित किया जाएगा. जहां से पूरे मध्य प्रदेश में मेंटल थैरेपी, ध्यान, डिटॉक्सिनेशन, योग, और आयुर्वेदिक उपचार के क्लस्टर विकसित होंगे. इससे प्रदेश के युवाओं को न केवल रोजगार के नए अवसर मिलेंगे बल्कि स्वास्थ्य पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.

ज़रूर पढ़ें