MP News: बड़वानी में नहर टूटने से किसानों की परेशानी बढ़ी, रास्तों में भरा पानी, खेतों तक जाना मुश्किल

किसान रवि जाट ने बताया कि सिंचाई व्यवस्था सुधारने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से नहरों का निर्माण किया गया था.लेकिन निम्न गुणवत्ता के कारण कई स्थानों पर नहरें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं.
The problems of farmers increased due to the breaking of the canal in Barwani.

बड़वानी में नहर टूटने से किसानों की समस्या बढ़ी.

Input: सचिन राठौर

MP News: बड़वानी जिले के ग्राम तलून में एक नहर के टूटने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है. नहर का पानी खेतों तक पहुंचने के बजाय रास्तों पर बह रहा है, जिससे ग्रामीणों का आवागमन प्रभावित हो रहा है और खेतों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है. ग्रामीणों का कहना है कि रास्तों पर पानी भरने से मोटरसाइकिल निकालना भी मुश्किल हो गया है, जबकि बड़े वाहनों का आना लगभग असंभव है. इससे किसानों को अपनी उपज मंडी तक ले जाने में बाधा आ रही है.

करोड़ों रुपये की लागत से नहरों का निर्माण

किसान रवि जाट ने बताया कि सिंचाई व्यवस्था सुधारने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से नहरों का निर्माण किया गया था. हालांकि निम्न गुणवत्ता के कारण कई स्थानों पर नहरें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. नियमित सफाई और रखरखाव के अभाव में नहरों में झाड़ियां और कचरा जमा हो गया है, जिससे पानी खेतों तक ठीक से नहीं पहुंच पा रहा है.

किसानों के अनुसार, आधे किसानों को ही पानी मिल पा रहा है, जबकि बाकी आधे किसान पानी की कमी से अपनी फसलें बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. जिन हिस्सों में पानी पहुंचता है, वहां नहर टूटने के कारण पानी रास्तों पर फैल रहा है, जिससे खेतों के रास्ते दलदल में बदल गए हैं.

रास्तों के कारण व्यापारियों ने गांव आने से मना किया

रवि जाट ने यह भी बताया कि इस समय कुछ किसानों के केले की फसल की कटाई चल रही है. लेकिन रास्तों की खराब स्थिति के कारण व्यापारी गांव आने से मना कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें अपनी गाड़ियों के फंसने का डर है. इससे किसानों को अपनी फसल बेचने में दिक्कत आ रही है.

किसानों का कहना है कि पहले उन्हें बारिश से फसलों का नुकसान झेलना पड़ा, फिर उपज के भाव 2 से 3 रुपये प्रति किलो तक गिर गए, और अब नहर टूटने से सिंचाई और परिवहन दोनों बाधित हो गए हैं. ग्रामीणों ने अधिकारियों को कई बार समस्या की जानकारी दी है और सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.

‘नहर बंद करने के बजाय तत्काल मरम्मत हो’

किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि नहर को बंद करने के बजाय उसकी तत्काल मरम्मत की जाए. उन्होंने क्षतिग्रस्त हिस्सों को दुरुस्त करने, रास्तों पर बह रहे पानी को रोकने और खेतों तक जाने वाले मार्गों को सुधारने की अपील की है, ताकि वाहनों की आवाजाही सुचारु हो सके. किसानों ने बोनी के इस महत्वपूर्ण समय में अपनी फसलें बचाने के लिए स्थायी समाधान की मांग की है.

इंदिरा सागर नहर परियोजना के ए ई आर एस धुर्वे ने बताया कि नहरें तो सभी जगह टूटी हुई हैं, रिपेयर मेंटेनेंस जरूरी है, फिलहाल विभाग के पास बजट नहीं है, एस्टीमेट भेज रखा है भोपाल से बजट सेंशन होगा तभी मरम्मत कराई जाएगी.

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