इंदौर-देवास हाईवे पर 40 घंटे लगे जाम का मामला HC पहुंचा, कोर्ट ने अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा
इंदौर-देवास हाईवे पर 40 घंटे लगे जाम पर हाईकोर्ट ने जवाब मांगा.
Indore-Dewas Highway Traffic: इंदौर-देवास पर 40 घंटे लगे ट्रैफिक जाम का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) ने विभाग और जिम्मेदार अधिकारियों से 7 दिन के अंदर मामले में जवाब मांगा है. शुक्रवार को हाईवे पर 40 घंटे जाम लगने से 3 लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद मामले में एक जनहित याचिका पर जस्टिस विवेक रुसिया और जस्टिस पवन कुमार द्विवेदी की युगल बेंच ने सुनवाई की.
NHAI, पुलिस कमिश्नर और कलेक्टर को नोटिस जारी
इंदौर-देवास पर 40 घंटे लगे ट्रैफिक जाम को लेकर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की जस्टिस विवेक रुसिया और जस्टिस पवन कुमार द्विवेदी की बेंच ने नोटिस जारी की है. हाईकोर्ट ने NHAI, पुलिस कमिश्नर और कलेक्टर को नोटिस जारी करके एक हफ्ते में जवाब मांगा है. इसके साथ ही कोर्ट ने सड़क बनाने वाले और टोल ठेकेदार को भी नोटिस जारी करने के लिए कहा है.
देवास के एडवोकेट ने याचिका दायक की
मामले में देवास के रहने वाले एडवोकेट आनंद अधिकारी ने याचिका दायर की है. उनकी तरफ एडवोकेट गिरीश पटवर्धन ने जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को हाईवे पर जाम के कारण 3 लोगों की मौत हो गई. जिसके बाद हमारी तरफ से कोर्ट में याचिका दी गई है. कोर्ट ने जवाब मांगा है. सभी पक्षों की तरफ से जवाब आने के बाद ही आगे की कार्यवाही होगी.
राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री भी जाम में फंस चुके हैं
देवास से इंदौर की ओर चलने वाली देवास-इंदौर की बस आम दिनों में चार फेरे लगाती थीं, लेकिन जाम के कारण अब मुश्किल से एक फेरा ही लग पा रहा है. इससे न सिर्फ बस संचालक परेशान हैं, बल्कि आम यात्री भी घंटों इंतजार करने को मजबूर हैं. वही लंबे रूट की बसें देवास में खड़ी कर दी गई हैं.
अर्जुन-बड़ौद में पुल बनने के कारण आम लोग ही नहीं वीआईपी भी परेशान हो रहे हैं. ट्रैफिक जाम की हालत इतनी खराब है कि 24 जून को कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत का काफिला भी यहीं फंस गया था. राज्यपाल को ट्रैफिक से सुरक्षित बाहर निकालने के लि पुलिस को रास्ता बनाने में 45 मिनट से ज्यादा का वक्त लगा था. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग भी मुसीबत का सामना कर चुके हैं.