इंदौर में स्वामी विवेकानंद की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी स्थापित, 14 टन होगा वजन, CM मोहन यादव ने किया भूमिपूजन
स्वामी विवेकानंद की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा के लिए भूमि पूजन किया.
Statue Of Vivekananda: इंदौर के देवी अहिल्या सरोवर उद्यान में स्वामी विवेकानंद की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी. इसकी स्थापना के लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने रविवार को भूमि पूजन किया. संरचना के आधार समेत प्रतिमा की ऊंचाई लगभग 52 होगी जबकि प्रतिमा का वजन लगभग 14 टन होगा. इस प्रतिमा में विभिन्न धातुओं का मिश्रण हो गया.
भूमि पूजन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का विश्वास था कि साहस, सामर्थ्य और आत्मबल के सहारे व्यक्ति सभी कमजोरियों को पार कर सकता है.
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
इस प्रतिमा का निर्माण देश के ख्याति प्राप्त मूर्तिकार नरेश कुमावत कर रहे हैं, जिन्होंने देशभर में कई प्रतिष्ठित मूर्तियों का निर्माण किया है. प्रतिमा स्थल पर स्वामी विवेकानंद के जीवन और विचारों पर आधारित एक विशेष गैलरी भी स्थापित की जाएगी. जहां चित्रों, दस्तावेजों और डिजिटल माध्यमों से युवाओं को प्रेरित किया जाएगा. ये स्थान इंदौर के लिए एक नई पहचान, सांस्कृतिक गौरव और पर्यटन विकास का केंद्र बनेगा.
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‘अद्वितीय एवं विलक्षण संत थे स्वामी विवेकानंद’
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारत में संत परंपरा अत्यंत समृद्ध रही है और उनमें से स्वामी विवेकानंद एक अद्वितीय एवं विलक्षण संत थे. उन्होंने निराकार ईश्वर के उपासक के रूप में मानवता की सेवा को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया. स्वामी विवेकानंद का मानना था कि मैं देखूंगा तो ही मानूंगा, जो उनके तर्कशील और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को दर्शाता है.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आगे कहा कि स्वामी विवेकानंद ने शरीर के माध्यम से जीवन सेवा का मंत्र दिया और आत्मनिर्भरता का आशीर्वाद प्राप्त कर मृत्यु पर विजय प्राप्त की. उन्होंने दुर्बलता और हीनता को जीवन का हिस्सा मानने से इनकार करते हुए इसे मृत्यु के समान बताया. उनका विश्वास था कि साहस, सामर्थ्य और आत्मबल के सहारे व्यक्ति सभी कमजोरियों को पार कर सकता है.
‘प्रतिमा स्थल पर लाइब्रेरी की स्थापना होगी’
वहीं कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित करने के साथ ही यहां पर लाइब्रेरी की भी स्थापना की जाए जिसमें विवेकानंद जी से संबंधित साहित्य हो. इससे युवाओं को जीवन में सफलता का मार्गदर्शन मिलेगा और जीने की नई राह मिलेगी.
इस समय स्वामी विवेकानंद की सबसे ऊंची प्रतिमा (35 फीट) कर्नाटक के उडुपी में स्थित है. लेकिन अब निर्माण के बाद इंदौर की प्रतिमा विश्व में सबसे ऊंची हो जाएगी.