Madhya Pradesh में 7 साल में खुली 265 सॉइल टेस्टिंग लैब्स, 112 करोड़ रुपये खर्च, फिर भी मिट्टी की जांच नहीं हो पा रही
MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं चल रही है. प्रदेश के किसानों की जमीन उपजाऊ बनाने के लिए सरकार अभियान चला रही है. इसके लिए सरकार ने 7 साल पहले 265 मृदा परीक्षण प्रयोगशाला (Soil Testing Lab) शुरू किए थे. इन लैब में आज तक किसी भी किसान की मृदा की टेस्टिंग नहीं हो पाई है. मंत्री ने स्वीकार किया है कि विकास खंड स्तर पर मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं में अमला स्वीकृत न होने से मिट्टी नमूना का परीक्षण नहीं हो सका है.
112 करोड़ रुपये की लागत से बने लैब
पनागर से बीजेपी विधायक सुशील कुमार तिवारी ने सरकार से पूछा था कि 150 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई मृदा परीक्षण प्रयोगशाला (Soil Testing Lab) में किसानों की मृदा की टेस्टिंग हो रही है या फिर नहीं. जिसके जवाब में किसान कल्याण विकास मंत्री ऐदल सिंह कंषाना ने कहा कि प्रदेश में 265 नवीन मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के द्वारा 112 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई है.
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जल्द ही मृदा परीक्षण कार्य शुरू होगा
विकास खंड स्तर पर निर्मित मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं में अमला स्वीकृत न होने से मृदा नमूना का परीक्षण कार्य नहीं हो सका है. प्रदेश में 50 विभागीय मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में मिट्टी नमूना की जांच हो रही है और किसानों को निशुल्क सॉइल हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराए जा रहे हैं. कृषि मंत्री ने बताया कि विकासखंड स्तर पर निर्मित मृदा परीक्षण प्रयोगशाला (Soil Testing Lab) में युवा उद्यमी और संस्थाओं को उपलब्ध करा कर मिट्टी नमूना का प्रशिक्षण परीक्षण करने का सरकार ने फैसला किया है. कृषि स्नातक युवा उद्यमी को प्रयोगशालाओं के आवंटन के लिए विज्ञापन जारी करके प्रक्रिया में लाया गया है.