Dewas: सांड की मौत पर गांव में छाया मातम, ग्रामीण मानते थे परिवार का सदस्य, 10 दिन बाद किया जाएगा भंडारा

स्थानीय लोगों ने बताया कि नंदी 15-20 सालों से गांव में ही था. गांव के लोग उसे परिवार का सदस्य मानते थे. इसलिए गांव का हर आदमी नंदी की मौत से दुखी है.
After the death of Nandi (bull) in Dewas, last rites were performed as per rituals.

देवास में नंदी(सांड) की मौत के बाद विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया गया.

Dewas News: मध्य प्रदेश के देवास जिले में नंदी महाराज (सांड) की मौत के बाद मातम छा गया है. बिंजाना गांव में लोग नंदी महाराज को परिवार का सदस्य मानते थे. नंदी की मौत के बाद विधि-विधान से अंतिम संस्कार का इंतजाम किया जा रहा है. गांव में 10-12 दिनों बाद भंडारे का आयोजन किया जाएगा. जिसमें आसपास के लोग भी इकट्ठा होंगे.

15-20 सालों से गांव में था नंदी

गांव के लोग नंदी को प्यार से मंगल नंदी के नाम से भी पुकारते थे. वहीं मंगल की मौत के बाद गांव में भजन- कीर्तन किए जा रहे हैं. इसमें पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी शामिल हुई हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि नंदी 15-20 सालों से गांव में ही था. गांव के लोग उसे परिवार का सदस्य मानते थे. इसलिए गांव का हर आदमी नंदी की मौत से दुखी है.

ग्रामीणों में नंदी के लिए दिखा अटूट प्रेम

गांव में नंदी (साड़) के प्रति लोगों का तो प्रेम देखने लायक था. जहां पूरे गांव में नंदी के शाहू को लेकर ग्रामीण भजन-कीर्तन करते निकले, वहीं हर घर में लोगों ने नंदी को भगवान शिव का वाहन मानकर पूजन भी किया.

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