Rule Change: एमपी में 1 अक्टूबर से होंगे बड़े बदलाव, इन जगहों पर किया नियमों का उल्लंघन तो देना होगा भारी जुर्माना
राष्ट्रीय उद्यानों और टाइगर रिजर्वों में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन
MP News: मध्य प्रदेश में 1 अक्टूबर से बड़े बदलावों का दौर शुरू होने वाला है. 1 अक्टूबर से सभी राष्ट्रीय उद्यानों और टाइगर रिजर्वों को लोगों के लिए खोला जाएगा. इस दिन से ही सभी उद्यानों और टाइगर रिजर्वों में सिंगल यूज प्लास्टिक को भी पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा. वन विभाग इन नियमों का सख्ती से पालन करवाएगा. विभाग ने इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर 500 रुपए से लेकर 5 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया है.
वन में मिलेगा बायोडिग्रेडेबल पदार्थो से बना सामान
पर्यटकों की सुविधा के लिए पार्क प्रबंधन बायोडिग्रेडेबल पदार्थ से बनी पानी की बोतल और कपड़े से बने बैग शुल्क लेकर उपलब्ध करवाएगा. ये बैग स्व-सहायता समूहों के जरिए तैयार कराए जाएंगे ताकि स्थानीय लोगों को आजीविका के नए अवसर मिल सकें और उनकी वनों पर निर्भरता घटे. इससे न सिर्फ रोजगार के मौके बढ़ेंगे बल्कि वनों का संरक्षण भी मजबूत होगा.
स्थानीय समुदाय को पर्यटन से जोड़ने के लिए वन विभाग क्षमता विकास और कौशल प्रशिक्षण भी देगा. इसमें गाइड, अतिथि सत्कार और रसोई प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण शामिल रहेगा. हर साल इन गाइडों का मूल्यांकन किया जाएगा और जो अपेक्षित स्तर पर खरे नहीं उतरेंगे उन्हें रोस्टर से बाहर कर दिया जाएगा.
विभाग ने इन नियमों में भी किया बदलाव
1 अक्टूबर से गाइड चार्ज में भी इजाफा होगा. जी-1 श्रेणी के गाइड को पहले 600 रुपए मिलते थे, अब 1 हजार रुपए दिए जाएंगे. वहीं जी-2 श्रेणी के गाइड का मानदेय 480 रुपए से बढ़ाकर 800 रुपए कर दिया गया है.
विभाग ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाया बैन
वन विभाग ने पॉलीथीन बैग, प्लास्टिक स्ट्रॉ, कप, प्लेट, कटोरी, चम्मच और चिप्स-चॉकलेट के रैपर जैसे सभी एकल उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पादों को बैन कर दिया है. विभाग का मानना है कि ये पदार्थ दोबारा उपयोग में नहीं आ सकते और लंबे समय तक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं. इसके स्थान पर बायोडिग्रेडेबल सामान का उपयोग पर्यावरण को सुरक्षित रखने और स्वच्छ बनाए रखने का सबसे बेहतर विकल्प है.
सरकार ईको-टूरिज्म को दे रही बढ़ावा
वर्तमान में मध्य प्रदेश में 12 राष्ट्रीय उद्यान, 24 वन्यजीव अभयारण्य और 9 टाइगर रिजर्व मौजूद हैं. इन सभी संरक्षित क्षेत्रों में सख्त नियम लागू करके राज्य सरकार ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने और प्रकृति संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय समुदायों को भी लाभ पहुंचाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है.