इंदौर के एमवाय अस्पताल में चूहों के काटने से दो नवजातों की मौत, राहुल गांधी ने बताया ‘हत्या’, कहा- हम चुप नहीं रहेंगे
राहुल गांधी
MY Hospital Indore: इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल (MYH) के NICU (Neonatal Intensive Care Unit) वार्ड में चूहों के कटाने के बाद दो नवजात बच्चों की मौत वाले मामले पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि यह घटना कोई साधारण दुर्घटना नहीं, बल्कि सीधी हत्या है. राहुल ने कहा कि राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में नवजातों की जान चूहों के काटने से चली गई, जो बेहद भयावह और अमानवीय है.
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की बुनियादी जिम्मेदारी पूरी तरह छोड़ दी है. सरकारी अस्पताल, जो गरीबों की जीवनरेखा हुआ करते थे, अब मौत के अड्डों में बदल गए हैं. वहीं, हेल्थ सेक्टर को निजी हाथों में सौंपकर इलाज को सिर्फ अमीरों तक सीमित कर दिया गया है.
इंदौर में मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में दो नवजात शिशुओं की चूहों के काटने से मौत – यह कोई दुर्घटना नहीं, यह सीधी-सीधी हत्या है। यह घटना इतनी भयावह, अमानवीय और असंवेदनशील है कि इसे सुनकर भी रूह कांप जाए।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 4, 2025
एक मां की गोद से उसका बच्चा छिन गया, सिर्फ इसलिए क्योंकि सरकार… pic.twitter.com/4u1IBzobay
राहुल गांधी ने साधा निशाना
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें इस घटना पर शर्म से सिर झुका लेना चाहिए, क्योंकि सरकार ने देश के करोड़ों गरीबों से स्वास्थ्य का अधिकार छीन लिया है और अब हालात इतने खराब हो चुके हैं कि मां की गोद से बच्चों तक को छीन लिया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन हर बार की तरह कहता है जांच होगी, लेकिन सवाल यह है कि जब आप नवजात बच्चों की सुरक्षा तक नहीं कर सकते, तो सरकार चलाने का क्या हक़ है.
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क्या है MY अस्पताल का पूरा मामला?
इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल में कुछ दिन पहले जिन दो नवजात शिशुओं के हाथ चूहों ने कुतर दिए थे, उनमें से एक की मौत मंगलवार को हो चुकी थी, जबकि दूसरे बच्चे ने बुधवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. हालांकि इस पर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बच्चों की मौत सीधे तौर पर चूहों के काटने से नहीं हुई है. डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया के मुताबिक मृत नवजात का वजन महज 1.2 किलो था, उसका हीमोग्लोबिन बहुत कम था और उसे गंभीर सर्जिकल दिक्कतें थीं.
घटना के बाद डीन ने कार्रवाई करते हुए दो स्टाफ नर्स को निलंबित कर दिया था और नर्सिंग सुपरिटेंडेंट को पद से हटा दिया गया था. इसके साथ ही कई जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. डॉक्टरों का कहना है था कि एक नवजात की मौत का कारण संक्रमण यानी सेप्टिसीमिया रहा. वहीं, दूसरे बच्चे की हाल ही में सर्जरी हुई थी, लेकिन वह भी इलाज के दौरान जिंदगी की जंग हार गया. अस्पताल स्टाफ के अनुसार दोनों नवजात ऐसे थे, जिन्हें जन्म के बाद उनके परिजन वहीं छोड़कर चले गए थे.