‘ऐसा लग रहा था कि आतिशबाजी हो रही है, लेकिन वह युद्ध के गोले थे…’ कतर में फंसी उज्जैन की मनीषा ने सुनाई दर्दनाक दास्तां
वापस लौटीं मनीषा भटनागर
Ujjain News: मध्य पूर्व में इजरायल-ईरान युद्ध के बीच उज्जैन की मनीषा भटनागर कतर में फंस गई थीं. वह अब सकुशल अपने घर लौट आई हैं. उनके सुरक्षित लौटने के बाद परिजनों ने राहत की सांस ली. आरती उताकर मनीषा का स्वागत किया और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार जताया. कतर से वापस आने के बाद मनीषा ने पूरी दर्दनाक दास्तां सुनाईं.
मनीषा ने सुनाई दर्दनाक दास्तां
कतर से वापस लौटने के बाद मनीषा ने बताया- टजिस बिल्डिंग में मैं रहती हूं, ठीक उसी के ऊपर से मिसाइलें जाते हुए दिखाई दीं. ऐसा लग रहा था जैसे आतिशबाजी हो रही हो, लेकिन वह असल में इजरायल-ईरान युद्ध के गोले थे. इस कारण भय का माहौल बन गया था. डर के कारण सबसे पहले मैंने अपने भाई को कॉल किया और फिर पति रजत भटनागर से बात की.
मनीषा ने बताया कि स्थिति की गंभीरता को समझते हुए उनके पति रजत भटनागर ने तुरंत प्रयास शुरू किए. उन्होंने अपने संपर्कों के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मदद की गुहार लगाई. साथ ही रजत ने केंद्रीय गृह मंत्री और प्रधानमंत्री को भी मेल कर अपनी पत्नी की सुरक्षा के लिए निवेदन किया. इन प्रयासों के फलस्वरूप सुरक्षित भारत लौटी.
CM मोहन यादव ने वीडियो कॉल पर की बात
उज्जैन की मनीषा भटनागर के सकुशल वापस लौटने के बाद CM मोहन यादव ने वीडियो कॉल पर उनसे बातचीत की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने मनीषा से उनका हाल चाल जाना और बातचीत की. घर लौटने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव से बात करते मनीषा भावुक हो गईं. उन्होंने कहा- ‘मुख्यमंत्री से बात कर ऐसा लगा जैसे मैं भी उनके परिवार की सदस्य हूं.’
मनीषा बीते 7 सालों से कतर एयरलाइंस में कार्यरत हैं. वह उज्जैन के अभिषेक नगर की निवासी हैं. मनीषा के पति रजत भटनागर ने अपनी पत्नी की सकुशल वापसी के लिए CM मोहन यादव से गुहार लगाई थी. मनीषा बीते तीन सालों से कतर एयरलाइंस में काम कर रही हैं. उनके भारत वापस नहीं लौट पाने के कारण परिजन बेहद चिंतित थे.
परिजनों की चिंता को देखते हुए रजत ने अपनी पत्नी की सुरक्षित वापसी के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को मेल भेजकर गुहार लगाई थी. रजत के इस प्रयास में उनके मित्र कार्तिकेय मिश्रा ने भी सहयोग किया और उन्होंने स्वयं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से संपर्क कर मनीषा की स्थिति साझा की.