महाकाल मंदिर में आज से शिवनवरात्रि शुरू, इस बार 9 की जगह 10 दिनों तक रहेगी, भोग और संध्या आरती का समय बदलेगा

ShivNavratri: शिवनवरात्रि के समय बाबा महाकाल की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. भोग आरती और संध्या पूजन का समय बदल जाएगा. शिवनवरात्रि के समय भोग आरती दोपहर 1 बजे होगी और संध्या आरती 3 बजे की जाएगी
Ujjain: Shiv Navaratri begins in Mahakal temple from today

बाबा महाकाल का अद्भुत शृंगार किया गया

ShivNavratri: मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain) में स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) में सोमवार से शिवनवरात्रि (ShivNavratri) की शुरुआत हो गई. ये उत्सव महाशिवरात्रि(MahaShivratri) यानी 26 फरवरी तक चलेगा. हर दिन बाबा महाकाल (Baba Mahakal) का अद्भुत श्रृंगार किया जाएगा. इस उत्सव के पहले दिन बाबा का भांग, सूखे मेवे, सिंदूर और आभूषण से श्रृंगार किया गया.

मस्तक पर त्रिपुंड अंकित किया गया

12 ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा महाकालेश्वर के दरबार में ही शिवनवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है. सोमवार तड़के 4 बजे महाकाल मंदिर के गर्भगृह के कपाट खोले गए. सबसे पहले मंत्रोच्चार के साथ जलाभिषेक किया गया. इसके बाद पंचामृत (दूध, दही, घी, शक्कर और मधुरस) से स्नान करवाया गया. बाबा को भाग, सूखे मेवे, चंदन और सिंदूर से अद्भुत शृंगार किया गया. मस्तक पर रजत मुकुट से सजाया गया और त्रिपुंड एवं चेहरे पर रजत कमल अंकित किया गया.

भोग आरती और संध्या आरती का समय बदलेगा

शिवनवरात्रि के समय बाबा महाकाल की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. भोग आरती और संध्या पूजन का समय बदल जाएगा. आम दिनों में भोग आरती सुबह 10 बजे और संध्या आरती 5 बजे होती है. वहीं शिवनवरात्रि के समय भोग आरती दोपहर 1 बजे होगी और संध्या आरती 3 बजे की जाएगी.

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क्यों मनाया जाता है शिवनवरात्रि उत्सव?

हिंदू शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. देश भर के सभी शिव मंदिरों में इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में इसे विशेष रूप से मनाया जाता है. इसके लिए आयोजन 9 दिन पहले से ही शुरू हो जाते हैं जिसे शिवनवरात्रि के नाम से जाना जाता है. हर दिन बाबा महाकाल का शृंगार विशेष रूप से किया जाता है. किसी दिन बाबा को मेहंदी लगाई जाती है तो किसी दिन हल्दी. इस हर दिन अलग-अलग रूप में बाबा को सजाया जाता है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को दूल्हे के रूप में सजाया जाता है.

इस बार 9 की जगह 10 दिन मनाया जाएगा उत्सव

वैसे तो महाकाल मंदिर में शिवनवरात्रि का उत्सव 9 दिनों तक मनाया जाता है. लेकिन इस बार ये 10 दिन तक मनाया जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार तिथि वृद्धि के कारण इस बार शिवनवरात्रि पर्व 10 दिन मनाया जाएगा. 30 साल के बाद ऐसा संयोग बन रहा है.

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