उमरिया के विनेश चंदेल की भारत से लेकर लंदन तक चर्चा, ‘आइडियाज फॉर इंडिया’ कार्यक्रम में हुए शामिल, कहा- भारत वैश्विक अग्रदूत बनने की राह पर
उमरिया के विनेश चंदेल लंदन में आइडियाज फॉर इंडिया 2025 में शामिल हुए
Ideas For India 2025: कहा जाता है कि अगर आप कोई भी काम करने की ठान लें तो आपको उस काम में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. दरअसल विंध्य के उमरिया जिले के विनेश चंदेल ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. लंदन में आयोजित हुए आइडियाज फॉर इंडिया 2025 (Ideas For India 2025) कार्यक्रम में विनेश कुमार चंदेल को भारत के लोकतंत्र, विकास और नए भारत की दिशा पर वैश्विक संवाद के लिए भारत की तरफ से अपनी बात रखी है. यह कार्यक्रम India Week 2025 के अंतर्गत ब्रिज इंडिया द्वारा आयोजित किया गया था.
‘भारत को वैश्विक अग्रदूत बनना होगा’
लंदन में आयोजित “आइडियाज़ फॉर इंडिया 2025” सम्मेलन में व्यक्तव्य देते हुए विनेश चंदेल ने कहा कि वैश्विक परिदृश्य में भारत को अपने लोकतंत्र की कहानी को नए नजरिए से प्रस्तुत करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र होना एक गर्व की बात रही है, लेकिन बदलते भू-राजनीतिक संतुलन और लोकतांत्रिक संस्थाओं में घटते विश्वास के इस दौर में यह वाक्यांश अब उतनी रणनीतिक प्रासंगिकता नहीं रखता. आज भारत को केवल एक उदाहरण बनकर नहीं रहना चाहिए, उसे लोकतांत्रिक सशक्तिकरण का वैश्विक अग्रदूत बनना चाहिए.

कई दिग्गज नेताओं ने लिया भाग
यह महत्वपूर्ण संवाद India Week 2025 के हिस्से के रूप में हुआ. एक ऐसा आयोजन जिसने भारत और ब्रिटेन के संबंधों को नई ऊर्जा दी. इस सप्ताह की चर्चाओं में तेलंगाना के पूर्व मंत्री के.टी. रामा राव, कांग्रेस नेता सचिन पायलट, सांसद राघव चड्ढा, भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एस.वाई. क़ुरैशी, त्रिपुरा के पूर्व राजपरिवार के प्रमुख प्रद्योत माणिक्य और ब्रिटिश संसद में 5 बार चुने गए भारतीय मूल के सांसद वीरेन्द्र शर्मा सहित कई वैश्विक व ब्रिटिश राजनीतिक व कारोबारी नेताओं ने भाग लिया.
India Week ने यह स्पष्ट किया कि भारत की लोकतांत्रिक कहानी अब केवल देश के भीतर की नहीं है, बल्कि विश्व मंच पर साझा करने योग्य प्रेरणा है. अपने संबोधन में विनेश ने तीन मुख्य प्रस्ताव साझा किए जो भारत के लोकतंत्र को वैश्विक संदर्भ में एक संसाधन और समाधान के रूप में स्थापित कर सकते हैं-
“वोट लाइक इंडिया”: एक वैश्विक जनभागीदारी अभियान जो भारत के चुनावों की विशालता, समावेशिता और निष्पक्षता को सामने लाकर विश्व के उन लोकतंत्रों में नई ऊर्जा भर सके जहाँ मतदाता थकान, अविश्वास और उदासीनता बढ़ रही है.
इलेक्टोरल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया: एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का संस्थान जो भारत को चुनावी शोध, प्रशिक्षण, और सहयोग का केंद्र बना सकता है — विशेषकर वैश्विक दक्षिण और संक्रमणकालीन लोकतंत्रों के लिए.
डिजिटल डेमोक्रेसी टूलकिट: भारत की तकनीकी चुनावी विशेषज्ञता को सुलभ, मॉड्यूलर रूप में पैक कर, उन देशों तक पहुँचाना जो विश्वसनीय चुनाव प्रणाली की तलाश में हैं.
आई-पैक के सहसंस्थापक के रूप में सेवा दे रहे है
विनेश चंदेल, मध्य प्रदेश के विंध्य और मूल रूप से उमरिया जिले से हैं. भोपाल से कानून की पढ़ाई कर चुके हैं. एक प्रशिक्षित वकील होने के साथ-साथ वह भारतीय राजनीति में रणनीति, नीति और तकनीक के संगम के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. आई पैक के सह-संस्थापक के के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और युवाओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जोड़ने के लिए अनेक नवाचार भी किए हैं.