वैदिक घड़ी भारतीय कालगणना की कैसे देती है सटीक जानकारी? जानें
वैदिक घड़ी अब रिस्ट वॉच और एप में भी मिलेगी
Vedic Watch: दुनिया की सबसे वैदिक घड़ी मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थापित की गई है. ये घड़ी कालगणना के आधार पर काम करती है. इस घड़ी में 24 की जगह 30 घंटे होते हैं और 60 की जगह 48 मिनट का एक घंटा होता है. वैदिक घड़ी पंचांग यानी तिथि, वार, नक्षत्र, करण और योग इसके साथ-साथ सूर्योदय, सूर्यास्त और ग्रहों कि स्थिति को आधार मानकर काम करती है. अब ये घड़ी रिस्ट वॉच और एप के रूप में उपलब्ध रहेगी. घड़ी को विक्रमादित्य शोधपीठ में स्थापित किया गया है. शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने विस्तार न्यूज़ से बात की. उन्होंने बताया कि ये घड़ी अब रिस्ट वॉच और एप में उपलब्ध होगी.
‘190 भाषाओं में बनाई जा रही घड़ी’
विस्तार न्यूज़ से बात करते हुए श्री राम तिवारी ने कहा कि विदेशियों ने अपनी अवधारणाओं को भारत पर थोपने की कोशिश की. उज्जैन में 300 साल पहले कालगणना की भूमिका थी. वैदिक घड़ी में मानक समय और ग्रीनविच दोनों ही है. सूर्योदय से सूर्यास्त तक हम सबके जीवन पर असर डालते है. उन्होंने आगे बताया कि वैदिक घड़ी सूर्य सिद्धांत पर आधारित है. वैदिक घड़ी समय की और समय के सभी आयामों की जानकारी देती है. अब 190 भाषाओं में वैदिक घड़ी बनायी जा रही है. वैदिक घड़ी को कहीं भी सेट करने की ज़रूरत नहीं पड़ती है.
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‘2 साल पहले की जानकारी भी वैदिक घड़ी में उपलब्ध होगी’
श्रीराम तिवारी ने कहा कि वैदिक घड़ी को हर पीढ़ी आसानी से समझ सकेगी. आने वाले समय में ये मोबाइल पर एप के माध्यम से उपलब्ध होगी. जहां पर समय और काल की घटना सटीक हो सकेगी. भविष्य में 2 साल पहले की जानकारी भी वैदिक घड़ी में उपलब्ध होगी. वैदिक घड़ी जल्द ही रिस्ट वॉच के रूप में भी तैयार की जाएगी. फिलहाल इसे सरकारी कार्यालयों में लगाने को लेकर तैयारी की जा रही है. फिलहाल सभी राष्ट्रों के राष्ट्राध्यक्ष के भारत आने पर वैदिक घड़ी ही गिफ्ट में दी जा रही है.