Vistaar Ground Report: MP में किसानों की मजबूरी पर हावी काला बाजारी, धड़ल्ले से बिक रही नकली खाद और DAP
Vistaar Ground Report: मध्य प्रदेश में इन दिनों खाद की किल्लत है. पूरे प्रदेश में किसानों को DAP के लिए भटकना पड़ रहा है. रबी सीजन की फसल सिर पर खड़ी है, लेकिन किसानों को समय पर खाद नहीं मिल पा रही है. किसानों की इस परेशानी और मजबूरी का फायदा खाद की कालाबाजारी करने वाले जमकर उठा रहे हैं. मध्य प्रदेश में भी नकली खाद का कारोबार भी जमकर फलने-फूलने लगा है.
DAP-खाद के लिए किसान परेशान
फसलों का उत्पादन अच्छा हो सके इसके लिए किसान खाद का इस्तेमाल करता है. मध्य प्रदेश में रबी सीजन की फसल को लेकर किसान लगातार खाद के लिए भटक रहा है. सरकार DAP का वितरण नहीं कर पा रही है और इसी का फायदा नकली खाद बनाने वाले उठा रहे हैं.
जबलपुर में नकली खाद का कारोबार
जबलपुर में पिछले कुछ दिनों में कार्रवाई हुई, जिसमें बड़ी संख्या में नकली खाद के कारोबार का खुलासा हुआ है. कार्रवाई में पाया गया कि DAP बाजार में न मिल पाने की वजह से नकली खाद का कारोबार करने वाले लोग किसान की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं. इस नकली खाद से फसलों को कोई फायदा नहीं होता उल्टा किसान को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. जबलपुर की कृषि उपज मंडी में सुबह 3 बजे से ही किसान खाद के लिए लाइन में लग जाते हैं. किसानों का कहना है कि मटर की फसल लगाने के लिए उन्हें DAP और यूरिया की जरूरत है लेकिन कई दिनों तक चक्कर लगाने के बावजूद भी DAP नहीं मिल पा रहा है.
असली या नकली की पहचान करना मुश्किल
जबलपुर की कृषि उपज मंडी में रखे DAP की जांच के लिए गोदाम में जाकर जायज लिया गया. यहां किसानों ने बताया कि उन्हें बाजार में भी खाद मिल रही है लेकिन वह असली है या नकली इसकी पहचान करना बहुत मुश्किल है. 1350 रुपए की 50 किलो की DAP की बोरी सरकारी रेट पर किसानों को दी जा रही है, लेकिन कमी की होने की वजह से यही 50 किलो की बोरी बाजार में 1500 से 2000 रुपए तक किसानों को बेचा जा रहा है. इसके बावजूद वह खाद असली है या नकली यह पहचान कर पाना बहुत मुश्किल है.
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प्रदेश में 6 लैब
मध्य प्रदेश में कुल 6 सरकारी प्रयोगशालाएं हैं, जहां खाद बीज का परीक्षण किया जाता है. यहां परीक्षण करने वाले अधिकारी अलग-अलग तरीके से नकली और असली खाद का लैब में परीक्षण करते हैं.
व्यापारी उठा रहे फायदा
जबलपुर में नकली खाद के धंधे को लेकर किसान नेताओं का कहना है नकली खाद का व्यापार करने वाले किसान की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं क्योंकि इन दिनों किसानों को खाद की सबसे ज्यादा जरूरत है. ऐसे में प्रशासन खाद उपलब्ध नहीं कर पा रहा है तो मजबूर किसानों को बाहर ठगा जा रहा है.
जागरूकता की कमी
वहीं, इसे लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जबलपुर जिले में DAP की कमी है, लेकिन किसी वैकल्पिक खाद को नहीं दिया जा रहा है. जागरूकता की कमी की वजह से किसान की मजबूरी का कुछ लोग फायदा उठा रहे हैं. विभाग की ओर से लगातार नकली खाद का कारोबार करने वाले लोगों पर कृषि विभाग कार्रवाई कर रहा है. हाल ही में चरगवां और शहपुरा क्षेत्र में नकली खाद बनाने वालों पर कार्रवाई की गई है. शिकायत आने पर आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी.