Explainer: पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदियों के जुड़ने से Madhya Pradesh को क्या फायदा होगा? जानिए

Madhya Pradesh: केंद्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना पर MOA (समझौता) हो गया है. जानिए इन तीन नदियों के जुड़ने से मध्य प्रदेश को क्या फायदा होगा.
madhya_pradesh

पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना

Madhya Pradesh: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मध्य प्रदेश और राजस्थान को बड़ी सौगात दी. जयपुर में पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना पर समझौता पर हो गया है. केंद्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार के बीच पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना पर त्रिस्तरीय मैमोरैंडम ऑफ एग्रीमेंट (MOA) हो गया. इस परियोजना से मालवा और चंबल क्षेत्र के 13 जिलों के करीब 40 लाख किसानों को फायदा होगा.

मध्य प्रदेश को बड़ी सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयपुर में मध्य प्रदेश और राजस्थान को पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना की सौगात दी. इस मौके पर CM डॉ. मोहन यादव और राजस्थान के CM भजनलाल शर्मा मौजूद रहे. इस परियोजना की लागत करीब 72 हजार करोड़ रुपए है. इसमें मध्य प्रदेश सरकार 35 हजार करोड़ और राजस्थान सरकार 37 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी.

मध्य प्रदेश को क्या फायदा होगा

  • 21 बांध और बैराज बनाए जाएंगे
  • कुल जल भराव क्षमता 1908.83 घन मीटर
  • 40 लाख किसानों को फायदा होगा
  • एमपी के 13 जिलों को लाभ होगा
  • 6 लाख 13 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई
  • 17 छोटे-बड़े डैम बनेंगे

MP के इन 13 जिलों को होगा फायदा

पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदियों के जुड़ने से मध्य प्रदेश के 13 जिलों को फायदा होगा. इनमें गुना, मुरैना, शिवपुरी, भिंड, श्योपुर, उज्जैन, सीहोर, मंदसौर, इंदौर, देवास, आगर-मालवा, शाजापुर और राजगढ़ जिले शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- MP Bank Time Change: मध्य प्रदेश में बदल जाएगी बैंक खुलने की टाइमिंग, इस दिन से लागू होगा नया समय

6 लाख 13 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई

इस परियोजना से मध्य प्रदेश में करीब 6 लाख 13 हजार हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी. वहीं, प्रदेश के करीब 40 लाख किसानों को सीधा फायदा मिलेगा. इस परियोजना से पार्वती नदी, कूनो, कालीसिंध, चंबल, क्षिप्रा और सहायक नदियों के जल का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जा सकेगा. परियोजना की कुल जल भराव क्षमता 1908.83 घन मीटर होगी. इसके साथ ही 172 मिलियन घन मीटर जल, पेयजल और उद्योगों के लिए आरक्षित रहेगा.

बनेंगे 17 डैम

पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदियों के जुड़ने से प्रदेश में 17 छोटे-बड़े डैम का निर्माण हो सकेगा. जानकारी के मुताबिक परियोजना के अंतर्गत माधवराव सिंधिया सिंचाई कॉम्प्लेक्स में 4 बांध (कटीला, सोनपुर, पावा एवं धनवाड़ी), 2 बैराज (श्यामपुर, नैनागढ), कुम्भराज कॉम्पलेक्स में 2 बांध (कुम्भराज-1 एवं कुम्भराज-2) और रणजीत सागर, लखुंदर बैराज एवं ऊपरी चम्बल कछार में 7 बांध (सोनचिरी, रामवासा, बचेरा, पदुनिया, सेवरखेडी, चितावद तथा सीकरी सुल्तानपुरा) शामिल हैं. इसके अलावा गांधी सागर बांध की अप-स्ट्रीम में चंबल, क्षिप्रा और गंभीर नदियों पर छोटे-छोटे बांधों का निर्माण भी प्रस्तावित है.

ये भी पढ़ें- Madhya Pradesh के इस शहर में है देश की पहली गौशाला; डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए बनी लोगों की पसंद, जानें खासियत

प्रदेश के लिए एतिहासिक दिन

पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी लिंक परियोजना पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा-‘मुझे प्रसन्नता है कि आज का दिन मध्य प्रदेश और राजस्थान के लिए एक ऐतिहासिक दिन रहेगा. पीएम मोदी के नेतृत्व में पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी लिंक परियोजना की एक अद्भूत MoUs होने वाला है, जिसके आधार पीएम मोदी या भारत सरकार द्वारा मध्य प्रदेश और राजस्थान को 17000 करोड़ की बड़ी सौगात दी जाएगी. इसमें हमारे 11 जिले और राजस्थान के 13 जिले दोनों राज्यों में न केवल पीने का पानी बल्कि सिंचाई के संसाधन की व्यवस्था रहेगी. ये 20 वर्षों से कांग्रेस की सरकार द्वारा टाला गया था, लेकिन कोई बात नहीं जब जागो तभी सेवरा. आज ये बदलाव का दिन आया है. अब पर्याप्त पानी की व्यवस्था होगी.’

2003 में बनी थी योजना

बता दें कि साल 2003 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश और राजस्थान की नदियों को लेकर यह योजना बनी थी. इसके बाद साल 2004 में पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना की फीजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की गई थी. साल 2019 में राजस्थान सरकार द्वारा इसके बाद प्रस्ताव लाया गया और अब इस पर समझौता हो गया है.

ज़रूर पढ़ें