मंत्री विजय शाह वाले मामले में ‘कड़क’ तेवर अपनाने वाले जस्टिस अतुल श्रीधरन कौन हैं? पुलिस प्रशासन को लगा चुके हैं फटकार
फाइल फोटो
MP News: कर्नल सोफिया कुरैशी (Sofia Qureshi) पर विवादित टिपण्णी के मामले में मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री विजय शाह (Vijay Shah) पर FIR दर्ज की जा चुकी है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई हुई. वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि उनको कुछ अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करना है. सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने की इजाजत देते हुए सुनवाई टाल दी. लेकिन इन सबके बीच जस्टिस अतुल श्रीधरन की चारो ओर चर्चा हो रही है.
पुलिस को लगाई थी फटकार
कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिपण्णी का मामला जब मध्य प्रदेश हाई कोर्ट पहुंचा. इस केस की सुनवाई जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला ने की. FIR की कॉपी देखने के बाद पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा था कि संज्ञेय धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए. इसके साथ ही DGP को FIR दर्ज करने के निर्देश देते हुए कहा कि कल मैं रहूं या न रहूं लेकिन शाम तक एफआईआर दर्ज होना चाहिए. इसके कुछ घंटों के भीतर FIR दर्ज की गई.
कौन हैं जस्टिस अतुल श्रीधरन ?
जस्टिस अतुल श्रीधरन ने सीनियर एडवोकेट गोपाल सुब्रमण्यम के चैंबर में 5 साल तक वकालत की बारीकियां सीखीं. 1997 से 2000 तक सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाई कोर्ट और अलग-अलग कोर्ट में काम किया. 2001 में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में इंडिपेंडेंट होकर प्रैक्टिस शुरू की. 2003 से 2004 के बीच एमपी हाई कोर्ट और इंदौर बेंच में सरकारी वकील के रूप में काम किया. इसके बाद 2016 में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्यभार ग्रहण किया.
जस्टिस श्रीधरन की बेटी एमपी हाई कोर्ट में प्रैक्टिस कर रही थी, इसलिए जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में ट्रांसफर करा लिया. जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में श्रीधरन 2023 से 2025 तक जज के रूप में काम किया.
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जस्टिस अनुराधा शुक्ला के बारे में भी जान लीजिए
जस्टिस अनुराधा शुक्ला ने भी मंत्री विजय शाह के मामले की सुनवाई की. उनके करियर पर नजर डालें तो उनके पास लंबा अनुभव है. 1990 में न्यायिक सेवा में शामिल हुईं. उनके पास व्यवहार न्यायालय, जेएमएससी, एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज और जिला जज के रूप में काम करने का अनुभव है. 2023 में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में जस्टिस के रूप में शपथ ली.