Indore: इंदौर में BRTS से मुक्ति, देर रात से नगर निगम के कर्मचारियों की टीम डिवाइडर-रैलिंग तोड़ने में जुटी

इंदौर में बाआरटीएस को हटाने का काम शुरू हो गया है. नगर निगम की टीम ने JCB और गैस कटर की मदद से रैलिंग और डिवाइडर को हटाने का काम शुरू कर दिया है.
BRTS removal work started in Indore.

इंदौर में देर रात BRTS हटाने का काम शुरू हुआ.

Indore BRTS: इंदौर में हाईकोर्ट के आदेश के बाद BRTS (Bus Rapid Transit System) को हटाने का काम शुरू हो गया है. नगर निगम के 50 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम ने JCB और गैस कटर की मदद से रैलिंग और डिवाइडर को हटाने का काम शुरू कर दिया है. हालांकि रास्ता संकरा होने के कारण नगर निगम की टीम को मलबा हटाने में परेशानी हो रही है.

GPO चौराहा से शिवाजी वाटिका के बीच हुई शुरुआत

इंदौर में BRTS हटाने की शुरुआत जीपीओ चौराहा से शिवाजी वाटिका के बीच की गई. डिवाइडर तोड़ने के दौरान यातायात प्रभावित ना इसके लिए देर रात काम शुरू किया गया. नगर निगम की टीम जीपीओ चौराहा रात साढ़े 11 पहुंची और डिवाइडर- रैलिंग हटाने का काम शुरू किया.

यह भी पढ़ें: MP: अब 15 मार्च से होगी MSP पर गेहूं की खरीदी, किसानों को मिलेगा 2600 प्रति क्विंटल का दाम; यहां जानें सारा अपडेट

चरणबद्ध तरीके से हो रहा है काम

नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि BRTS हटाने का काम चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है. जहां ज्यादा जाम लगता है वहां पर पहले रैलिंग हटाई जाएगी. इसके बाद जहां ट्रैफिक कम रहता है, वहां पर BRTS हटाया जाएगा.

बस स्टॉप के लिए अस्थाई व्यवस्था की गई

अधिकारियों ने बताया कि शहर में BRTS हटाने का काम शुरू कर दिया गया है. साथ ही जहां पर बस स्टॉप बंद किए गए हैं, वहां पर अस्थाई रूप से व्यवस्था की गई. इससे सड़क पर आने-जाने वाले लोगों को परेशानी नहीं होगी.

जबलपुर HC के आदेश के बाद शुरू हुआ काम

इंदौर में निरंजनपुर से राजीव गांधी प्रतिमा तक करीब साढ़े 11 किलोमीटर का लंबा बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम बना हुआ है. इसको लेकर 2 जनहित याचिकाएं हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में लगीं थीं. इंदौर खंडपीठ ने याचिकाओं को जबलपुर हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया. मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट न बीआरटीएस को हटाने का आदेश दिया.

2013 में शुरू हुआ था BRTS

इंदौर में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की शुरुआत साल 2013 में हुई थी. निरंजनपुर से लेकर राजीव गांधी चौराहे तक लगभग साढ़े 11 किमी तक बने BRTS प्रोजेक्ट को 300 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था. BRTS पर अभी कुल 49 बसों का संचालन है.

ज़रूर पढ़ें