महाकुंभ से 3 दिन में ही वापस लौटीं स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल; 10 दिन के कल्पवास का संकल्प नहीं हुआ पूरा, जानिए वजह

प्रयागराज महाकुंभ में एप्पल के कोफाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स, 10 दिनों के कल्पवास के संकल्प के साथ भारत पहुंची थी जिसे वे बीच में ही छोड़कर 3 दिन में ही अचानक वापस वापस लौट गई.
Laurene Powell

लॉरेन पॉवेल

Mahakubh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में एप्पल कोफाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स, 10 दिनों के कल्पवास के संकल्प के साथ भारत पहुंची थीं. लेकिन वे इसे बीच में ही छोड़कर 3 दिन में ही अचानक वापस वापस लौट गईं. हालांकि इन तीन दिनों में उन्होंने भारतीय सनातन संस्कृति, आध्यात्मिक परम्पराओं और भगवती मां काली की आराधना से जुडकर इसे अपनी जिंदगी का अद्भुत अनुभव बताया.

लॉरेन पॉवेल की अचानक वापसी की वजह

लॉरेन पॉवेल महाकुंभ में अमृत स्नान के दौरान अचानक बीमार पड़ गईं थीं. उन्हें एलर्जी और भीड़भाड़ के कारण अस्वस्थता महसूस हुई. स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा, लॉरेन हमारे शिविर में आराम कर रही थीं. वह कभी इतनी भीड़भाड़ वाली जगहों पर नहीं गई थीं. हालांकि, दीक्षा समारोह के समय वह स्वस्थ और शांत दिख रही थीं. लॉरेन ने महाकुंभ में कल्पवास यानी आत्मशुद्धि और तपस्या का संकल्प लिया था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्हें तीन दिन बाद ही वापस लौटना पड़ा.

महाकाली के बीज मंत्र की दीक्षा और नामकरण

बुधवार को निरंजनी अखाड़ा में आयोजित एक विशेष दीक्षा समारोह में स्वामी कैलाशानंद गिरि ने लॉरेन पॉवेल को मां काली के बीज मंत्र ‘ॐ क्रीं महाकालिका नमः’ की दीक्षा दी. उन्होंने लॉरेन को आध्यात्मिक मार्गदर्शन और आशीर्वाद दिया और उनका नामकरण ‘कमला’ किया.लॉरेन ने कहा, ‘सनातन परंपरा की गहराई और शांति ने मुझे भीतर से छुआ है.भगवती काली की आराधना से मुझे आत्मिक शांति और नई दिशा मिली है.’ इस दौरान पंचायती अखाड़ा निरंजनी में वैदिक मंत्रोच्चार और मां काली की पूजा-अर्चना के साथ आध्यात्मिक माहौल ने सबको अभिभूत कर दिया. स्वामी कैलाशानंद ने कहा, मां काली की साधना से मनुष्य को न केवल शांति मिलती है, बल्कि वह अपने जीवन में सशक्तिकरण और नई ऊर्जा का अनुभव करता है.

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लॉरेन ने महाकुंभ से पहले काशी विश्वनाथ के किए दर्शन

प्रयागराज आने से पहले लॉरेन ने काशी विश्वनाथ मंदिर का दौरा किया था. गुलाबी सूट और सिर पर दुपट्टा ओढ़े हुए उन्होंने गंगा में नौकायन के बाद बाबा विश्वनाथ के दरबार में दर्शन किए. सनातन परंपरा का आदर करते हुए उन्होंने गर्भगृह के बाहर से ही बाबा का आशीर्वाद लिया.

स्टीव जॉब्स का कुंभ से लगाव

लॉरेन की इस आध्यात्मिक यात्रा को उनके दिवंगत पति स्टीव जॉब्स की कुंभ मेला देखने की अधूरी इच्छा से जोड़ा जा रहा है. 1974 में स्टीव जॉब्स ने एक पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने कुंभ मेला जाने की इच्छा जताई थी. हालांकि, वह कभी भारत आकर इस मेले में शामिल नहीं हो सके. लॉरेन ने शायद इसी अधूरी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए महाकुंभ में भाग लिया. हाल ही में स्टीव जॉब्स का यह ऐतिहासिक पत्र 4.32 करोड़ रुपये में नीलाम हुआ है.

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