Maha Kumbh: IIT वाले बाबा को जूना अखाड़े से निकाला गया बाहर, जानिए क्या है वजह
IITian बाबा
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में अचानक चर्चा में आए आईआईटियन बाबा उर्फ अभय सिंह को जूना अखाड़े ने निकाल दिया है. जूना अखाड़े के सचिव महंत डॉ. कर्णपुरी महाराज ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए आईआईटियन बाबा को मवाली और आवारा बताया. उन्होंने कहा कि वो (आईआईटियन बाबा) मीडिया में कुछ भी बोलते रहते था. वह बहुत गलत व्यक्ति था, इसलिए हम लोगों ने अखाड़े से निकाल दिया.
इसके पहले, ऐसी खबरें थी किं आईआईटी वाले बाबा महाकुंभ मेला छोड़कर कहीं चले गए हैं. लेकिन खुद उन्होंने इसे खारिज करते हुए कहा था कि वह महाकुंभ में ही हैं. उन्होंने शुक्रवार को उन खबरों का खंडन करते हुए कहा था कि जूना अखाड़े के आश्रम के साधुओं ने उनके बारे में अफवाह फैलाया है.
दरअसल, ऐसी अफवाहें फैल रही थीं कि महाकुंभ स्थित जूना अखाड़े के 16 मड़ी आश्रम में अभय सिंह के माता-पिता उन्हें ढूंढते हुए पहुंचे थे. लेकिन तब तक अभय आश्रम छोड़ चुके थे. हालांकि, अब अखाड़े ने साफ कर दिया गया है कि अभय सिंह को निकाल दिया गया है.
महाकुंभ में आते ही चर्चित हुए
महाकुंभ में एक से बढ़कर एक साधु-संत और बाबा आए हुए हैं. इसी दौरान आईआईटी वाले बाबा भी चर्चा में आए और मीडिया में देखते ही देखते छा गए. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने अपने बारे में जो कुछ बताया, उसके बाद उनके जीवन को लेकर तरह-तरह की बातें होने लगी और उनके दृष्टिकोण को लेकर बातें होने लगीं.
एक चैनल से बात करते हुए खुद का नाम अभय सिंह बताने वाले बाबा ने कहा, “यही यही सबसे उत्तम अवस्था है. ज्ञान के पीछे चलते जाओ, चलते जाओ, कहां तक जाओगे. आखिर में यहीं पर आना है. लेकिन मैं उस समय ये समझ नहीं पा रहा था कि करना क्या है? आईआईटी मुंबई में 4 साल पढ़ाई करने के बाद फिजिक्स में कोचिंग भी की. पैशन के चलते आर्ट्स में चला गया और फोटोग्राफी सीखी. मैंने मास्टर्स इन डिजाइनिंग में डिग्री ली. इसे करने के बाद भी मेरा मन कहीं लग नहीं रहा था. मेरे अंदर व्याकुलता बढ़ती जा रही थी.”
अपने जीवन को लेकर बताई थीं कई बातें
इन्होंने बताया था कि वह डिप्रेशन से उबरने के बाद कनाडा भी गए, लेकिन तब कोविड ने दुनिया को चपेट में ले लिया था. अभय सिंह ने बताया था, “मेरे अंदर कई सवाल थे, जैसे मेरे अंदर शक्ति क्यों नहीं आ रही है, मुझे पता था मैं कर सकता हूं पर कर नहीं पा रहा था.” बकौल अभय सिंह, वह कई सवालों के जवाब तलाश रहे थे.
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क्यों निकाला गया अखाड़े से बाहर?
आईआईटियन बाबा कहते हैं, ‘मेरे बहुत सारे नाम हैं, मसानी गोरख, बटुक भैरव, राघव, माधव, सर्वेश्वरी, जगदीश्वरी, जगदीश.’ ये खुद को संत कहलाना पसंद नहीं करते. ये अपने आप को वैरागी कहते हैं. लेकिन अब इस वैरागी पर अपने गुरु के प्रति अपशब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगा है और इस कारण इनको अखाड़ा शिविर व उसके आस-पास आने पर रोक लगा दी गई है. अखाड़े का कहना है कि संन्यास में अनुशासन और गुरु के प्रति समपर्ण महत्वपूर्ण है.